मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को एक बार फिर आश्वस्त किया कि लॉकडाउन कोई लॉकअप नहीं है। ठाकरे ने बांद्रा में इकट्ठा हुए दिहाड़ी मजदूरों से रुकने की अपील की। देशव्यापी लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाए जाने के बावजूद अपने-अपने गृह नगर जाने की आस में यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों प्रवासी कामगारों के इकट्ठा होने के बाद ठाकरे ने वेबकास्ट के जरिए संबोधित किया।
प्रवासियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ देर तक हिन्दी में भी संबोधित करते कहा कि इन श्रमिकों को बताया गया था कि ट्रेन सेवाएं 14 अप्रैल से बहाल होंगी इसलिए ये एकत्रित हुए। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे अफवाहों को नहीं मानने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौती यहीं रहकर कोरोना वायरस से निपटने की है। उन्होंने चेतावनी दी कि वे उपद्रवियों को गरीब प्रवासियों की भावनाओं के साथ खेलने और राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करने की अनुमति नहीं देंगे।
उन्होंने सहयोग मांगते हुए कहा कि सरकार जो भी कर रही है, वह आपके भले के लिए है। उन्होंने कहा कि किसी को भी इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस पर काम कर रही है कि लॉकडाउन कैसे खत्म किया जाए और औद्योगिक गतिविधियां बहाल हों।
उन्होंने कहा कि हमने आर्थिक मोर्चे पर काम करने के लिए समितियां बनाई हैं (इस पर काम करने के लिए कि) कौनसी औद्योगिक इकाइयां शुरू की जा सकती हैं। राज्य में 10 ऐसे जिले हैं जिनमें कोविड-19 का कोई मामला नहीं है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ये जिले ऐसे ही बने रहें और वायरस का राज्य के बाकी हिस्सों से भी खात्मा करना है।
उन्होंने माना कि मुंबई और पुणे में संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय है लेकिन सरकार इसके प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की सबसे अधिक जांच हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य ने केंद्र से कोविड-19 के उपचार के लिए प्रयोगिक तौर पर प्लाज्मा उपचार के इस्तेमाल और बीसीजी टीके के ट्रायल की अनुमति देने का भी अनुरोध किया है।
इस बीच नासिक से प्राप्त समाचारों में कहा गया है कि मालेगांव के 5 और लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद जिले में वायरस से संक्रमित कुल मरीजों की संख्या 42 हो गई है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सभी मरीजों को पृथकवास में भेज दिया गया है। (भाषा)