जम्मू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कल के जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले श्रीनगर में आतंकी हमला हुआ है, इस हमले में तीन जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। आतंकियों ने यह हमला तब किया जब सेना के जवानों का एक काफिला परीमपोरा-पंथाचौक बायपास से होकर गुजर रहा था। जैसे ही जवानों का यह काफिला वहां स्थित एक अस्पताल के पास पहुंचा, आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक यह घटना दोपहर सवा एक बजे की है। आतंकियों ने बेमिना के नजदीक अस्पताल के पास फायरिंग की। इस बीच मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के कुछ हिस्सों में लगातार चौथे दिन हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित रहा।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक सेना के काफिले का अंतिम वाहन आतंकियों की गोलियों का शिकार हुआ, लेकिन सेना के जवानों ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया और आतंकवादियों को जवाब दिया। सेना और स्थानीय पुलिस ने इलाके की घेराबंदी करके आतंकियों की तलाशी के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक आसपास का इलाका रिहायशी है और उन्हें शक है कि आतंकी इन्हीं घरों में छुपे में हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री उधमपुर में चनैनी-नाशरी सुरंग का उद्घाटन करेंगे और उधमपुर में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। यह सुरंग जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होगी।
प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए राज्य में सुरक्षा व्यवस्था चौकस कर दी गई है। बावजूद इसके यह हमला चिंताजनक है। हमले के बाद सेना और पुलिस और भी सतर्क हो गई है। सेना सड़क पर आने-जाने वाले सभी वाहनों की तलाशी ले रही है और हर संदिग्ध से पूछताछ कर रही है।
इस बीच मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के कुछ हिस्सों में लगातार चौथे दिन हड़ताल के कारण जनजीवन प्रभावित रहा। 28 मार्च को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी से कथित रूप से तीन नागरिकों की मौत के बाद इलाकों में तनाव का माहौल है। हालांकि किसी अलगाववादी संगठन ने हड़ताल का आह्वान नहीं किया था लेकिन जिले के चाडुरा, वाहथोरा, नागम और कई अन्य गांवों में दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों पर वाहन नदारद रहे।
श्रीनगर-चरार-ए-शरीफ सड़क पर यातायात प्रभावित रहा और वाहनों को अन्य वैकल्पिक मार्गों से भेजा गया। इन क्षेत्रों में सरकारी कार्यालयों और बैंकों में भी कामकाज प्रभावित रहा। शैक्षिक संस्थान भी बंद रहे। जुम्मे की नमाज अता करने के बाद स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों के बीच हुए संघर्ष को देखते हुए किसी भी कानून और व्यवस्था की समस्या से निपटने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और राज्य पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।