Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

आतंकी नेताओं की अपीलें और मुठभेड़ें भड़का रहीं गुस्‍सा...

हमें फॉलो करें आतंकी नेताओं की अपीलें और मुठभेड़ें भड़का रहीं गुस्‍सा...
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। इसके प्रति अब कोई शंका नहीं है कि कश्मीर एक और भयानक तथा हिंसक गर्मियों की ओर अग्रसर है। इसकी पुष्टि सुरक्षाधिकारी भी करने लगे हैं, जबकि इस आग में घी अगर आतंकी नेताओं की अपीलें डाल रही हैं तो मुठभेड़ों के दौरान आम नागरिकों व उनकी संपत्ति को पहुंचने वाली क्षति भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। चाहे अधिकारी इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं करते हों, लेकिन हिंसक गर्मियों से निपटने की तैयारियां इसकी पुष्टि करती हैं।


पत्थरबाजों से निपटने के लिए की जाने वाली तैयारियों में लाखों की संख्या में पैलेट गन के छर्रों की आपूर्ति और हजारों की संख्या में पैलेट गनें कश्मीर के प्रत्येक जिले में पहुंचाने की कवायद परिदृश्य को जरूर स्पष्ट करती हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिसबल के हजारों जवानों के साथ ही जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों को भी पत्थरबाजों, हिंसा फैलाने तथा आईएस व पाकिस्तानी झंडे फहराने वालों से निपटने के लिए प्रशिक्षण जोरों पर है।

इस प्रशिक्षण में अब उन पेट्रोल बमों से निपटने के तरीकों की भी ट्रेनिंग शामिल की गई है, जिनका इस्तेमाल अब कश्मीरी प्रदर्शनकारी हिंसा के दौरान करने लगे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, थोड़े दिन पहले कई आतंकी कमांडरों द्वारा जारी वे वीडियो कश्मीर में गर्मियों के हिंसक होने का स्पष्ट संकेत हैं, जिसमें उन्होंने कश्मीरियों से इस्लाम के नाम पर पत्थर फेंकने की अपील की है।

अधिकारी का कहना है कि आतंकी नेता जानते हैं कि धर्म के नाम पर लोगों को आसानी से भड़काया व बरगलाया जा सकता है। ऐसे में सुरक्षाबल गर्मियों को लेकर कोई ढील बरतने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि वे इसे भी मानते हैं कि मुठभेड़ों के दौरान कश्मीरियों के घरों को कथित तौर पर पूरी तरह से तबाह करने की सुरक्षाबलों की ‘रणनीति’ कश्मीरियों में गुस्से को भड़का रही है।

‘यह स्वभाविक ही है कि अगर आप किसी के घर को पूरी तरह से नष्ट कर देंगें तो वह आप पर गुस्सा निकालेगा ही। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा था। हालांकि उसका आरोप था कि ऐसी परिस्थिति को वे ही आतंकी पैदा करते हैं, जो घरों में घुसकर सुरक्षाबलों को हमले के लिए ललकारते हैं। ऐसे हालात के लिए सुरक्षाबल चाहे किसी को भी दोषी ठहराते रहें, पर सच्चाई यही है कि अपने घरों को यूं तबाह होते देख कश्मीरियों का खून खौल रहा है।

जानकारी के लिए सुरक्षाबलों की नई रणनीति के तहत वे अब उन घरों को मोर्टार, बमों या फिर छोटे तोपखानों से तबाह कर देने को प्राथमिकता देते हैं, जिसमें आतंकी कब्जा जमाकर सुरक्षाबलों पर हमले बोलते हैं। नतीजा सामने है। कश्मीरियों में इस रणनीति से भड़क रहे गुस्से को अलगाववादी तथा आतंकी भुनाने में जुटे हैं जो अगर गर्मियों में हिंसा के तौर पर सामने आ जाएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कश्मीर में अलकायदा और आईएस के कदमों की आहट...