पटना। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष और पुराने वफादार जगदानंद सिंह के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। बीर चंद पटेल मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में यादव सिंह के कमरे में गए और उन्होंने कहा, मुझे बताया गया है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को समय लेकर उनसे मिलने को कहा जाता है। क्या यह एक लोकतांत्रिक पार्टी का कार्य है।
सिंह उस समय वहां मौजूद नहीं थे। गुस्से से तमतमाए तेज प्रताप यादव ने आरोप लगाया कि जगदानंद जैसे लोगों के कारण ही उनके पिता बीमार हुए। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग पार्टी को कमजोर कर रहे हैं। राजद नेता तेज प्रताप यादव अपने बीमार पिता एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिहाई की मांग करते हुए एक अभियान भी चला रहे हैं।
इसी के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित पोस्टकार्ड भी भेजे जा रहे हैं, जिनमें राजद कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं और इन सभी पोस्टकार्डों पर जेल में बंद लालू यादव की रिहाई की मांग की गई है। कार में अपनी सीट पर बैठने से पहले उन्होंने कहा, मैं हसनपुर सीट से माननीय विधायक हूं और पार्टी कार्यालय पहुंचा तो मेरा स्वागत तो छोड़िए, प्रदेश अध्यक्ष मुझसे मिलने तक नहीं आते हैं।
एक सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि उन्हें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामचन्द्र पूर्वे के समय में कभी भी इस तरह के अनुभव का सामना नहीं करना पड़ा। बाद में सिंह ने कहा, कोई समस्या नहीं है। मैं उनसे (तेज प्रताप यादव) बात करूंगा।
कांग्रेस विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा, यह राजद का आंतरिक मामला है। पार्टी नेतृत्व किसी भी स्थिति को संभालने में सक्षम है। अगर बिहार की राजनीति में किसी के पास चिंता का कारण है, तो यह सत्तारूढ़ जद (यू) -भाजपा गठबंधन है जो आंतरिक विरोधाभास के कारण अलग होने की ओर अग्रसर है।
इस बीच जद (यू) विधान परिषद सदस्य और प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, मैं जगदानंद सिंह से पूछना चाहता हूं कि वह साष्टांग दंडवत क्यों कर रहे हैं। आप उस एक पार्टी में अपनी उम्र और अनुभव के लिए सम्मान की उम्मीद नहीं कर सकते, जो एक राजनीतिक परिवार की जागीर बन गई है।(भाषा)