गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए इंजीनियर ने बेचा घर

Webdunia
एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लग जाना और अपना घर होना, किसी सपने के पूरा होने जैसा है। क्या आप सोच सकते हैं कि कोई इन दोनों चीजों को छोड़ सकता है ताकि गांवों में बच्चों की शिक्षा हो सके? 



फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
40-वर्षीय, जर्मनी की सॉफ्टवेअर कंपनी में काम करने वाले प्राजंल दुबे ने अपने गांवों में बच्चों को शिक्षा दिलाने के सपने को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी और अपने घर को बेच दिया। 
 
उनका सपना अपने पैतृक गांव में बच्चों को शिक्षा देने का था। जिससे वहां के बच्चों को अच्छी नौकरियां और अच्छी जिंदगी मिल सके। उनका गांव देवास (मध्यप्रदेश का एक शहर) के पास सांदलपुर है। उनके गांव के 100 से अधिक युवा मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे हैं। 
 
सांदलपुर में उन्होंने एक कॉलेज की शुरूआत की। छह सालों की कठिन मेहनत के बाद, उनके गांव के कई छात्र मल्टीनेशनल कंपनी में लग चुके हैं। 

फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया
Show comments

जरूर पढ़ें

India-Pakistan War : पाकिस्तान पर काल बनकर बरसीं ये स्वदेशी मिसाइलें, आतंक के आका को सदियों तक रहेगा भारतीय हमले का सदमा

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत, भारत ने की अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क घटाने की पेशकश

भारत और PAK के बीच मध्यस्थता वाले बयान से पलटे Donald Trump, बोले- मैंने मदद की

कर्नल सोफिया कुरैशी के बाद अब विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर विवादित बयान, जानिए रामगोपाल यादव ने क्या कहा

Donald Trump ने Apple के CEO से कहा- भारत में बंद करें iPhone बनाना, सबसे ज्यादा टैरिफ वाला देश, बेचना मुश्किल

सभी देखें

नवीनतम

आवारा कुत्तों से बचने के लिए इमारत की तीसरी मंजिल तक दौड़ी गाय, क्रेन की मदद से नीचे उताया

विदेश मंत्री डार ने बताया, भारत से किस तरह की वार्ता चाहता है पाकिस्तान?

LIVE : विजय शाह की याचिका पर सुनवाई सोमवार तक टली, FIR मामले में नहीं मिली राहत

नैनीताल चिड़ियाघर में जैव सुरक्षा, निगरानी प्रणाली मजबूत की गई

अगला लेख