कोलकाता। पिछले कई दिनों से लग रही अटकलों पर विराम लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी (Shubhendu Adhikari) ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। भाजपा में उनके शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
पूर्वी मेदिनीपुर जिले में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और वे पिछले कुछ समय से पार्टी नेतृत्व से दूरी बरत रहे थे। वे बुधवार शाम राज्य विधानसभा आए और विधानसभा के सचिव को अपना इस्तीफा सौंपा।
शुभेंदु अधिकारी ने 2009 में नंदीग्राम में वाम मोर्चा की सरकार के खिलाफ भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन में ममता बनर्जी की मदद की थी और इसके बाद तृणमूल कांग्रेस 2011 में सत्ता में आई।
उनको मनाने का प्रयास नाकाम रहा। अधिकारी ने बिना किसी का नाम लिए हालिया दिनों में कई मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की।
अधिकारी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक या दो दिनों में उनके पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की संभावना है और आगामी दिनों में वह भगवा खेमे से जुड़ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राज्य का दो दिवसीय दौरा शनिवार से शुरू होगा।
घटनाक्रम पर तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, बड़ी राहत मिली है। बनर्जी ने कहा कि यह राहत की बात है कि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। वे बहुत महत्वाकांक्षी हैं और अगला मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वे जा सकते हैं। हम ममता बनर्जी के नेतृत्व में अगला चुनाव जीतने के प्रति आश्वस्त हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने अधिकारी के फैसले का स्वागत किया और कहा कि भगवा पार्टी खुली बाहों के साथ उनका स्वागत करेगी।
रॉय ने कहा कि जिस दिन राज्य मंत्रिमंडल से शुभेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वे तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो मुझे खुशी होगी। आज उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं। रॉय ने कहा कि अधिकारी जननेता हैं और गंभीर मंथन के बाद ही उन्होंने यह फैसला किया होगा।
रॉय ने कहा कि अगर वे भाजपा में शामिल होते हैं तो इससे पार्टी को फायदा होगा। तृणमूल कांग्रेस ताश के पत्तों से बने घर की तरह ढह रही है।
अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा इस बारे में फैसला करेगी। भाजपा अब दुनिया में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। यह ममता बनर्जी की स्थानीय पार्टी की तरह नहीं है।
रॉय ने दावा कि तृणमूल कांग्रेस के भीतर कई नेता घुटन महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किसी से संपर्क नहीं कर रही है। अगर वे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार के कुशासन का विरोध करना चाहते हैं तो इससे भाजपा को फायदा होगा।
अमित शाह के आगामी दौरे के दौरान अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बारे चल रही चर्चाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी अधिकारी के फैसले की सराहना की और कहा कि भाजपा को उनका स्वागत करते हुए खुशी होगी। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय, सुदीप बंदोपाध्याय जैसे वरिष्ठ नेताओं ने मनाने के काफी प्रयास किए लेकिन अधिकारी नहीं माने।
अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिब्येंदु भी तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद हैं। शुभेंदु भी दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। (भाषा)