चंडीगढ़। कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के समर्थकों द्वारा अजनाला में पुलिस थाने पर हमला करने के एक दिन बाद पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शुक्रवार को कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था और पुलिसकर्मियों पर 'कायरतापूर्ण' तरीके से हमला किया था, जिसमें 6 लोग घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किए जाने का आश्वासन देने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने तेज धार वाले हथियारों का इस्तेमाल किया। यादव ने कहा, पुलिसकर्मियों पर कायरतापूर्ण तरीके से हमला किया गया, जिसमें छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा, पुलिस ने गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा के कारण बहुत ही संयम के साथ काम किया और इसे संरक्षित किया। अगर पुलिस ने गोलीबारी की होती, तो स्थिति और खराब हो सकती थी, लेकिन हमने संयम के साथ काम किया।
उपदेशक के समर्थकों ने गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तोड़ दिए थे और यहां पुलिस थाना परिसर में हंगामा किया था। इस दौरान कुछ समर्थकों के हाथों में तलवारें और बंदूकें थीं। समर्थक मांग कर रहे थे कि लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान को रिहा किया जाए।
वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थक पुलिस थाने में अमृत संचार (एक सिख समारोह) आयोजित करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति ले जाने वाला एक वाहन भी लाए थे। अमृतपाल सिंह के सहयोगी लवप्रीत सिंह को शुक्रवार को यहां जेल से रिहा कर दिया गया।
डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस शांति और सद्भाव का माहौल बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व राज्य में शांति का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना में देश के पूर्व हॉकी खिलाड़ी जुगराज सिंह सहित छह पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
यह पूछे जाने पर कि क्या गुरुवार को अजनाला में हुई हिंसा के संबंध में मामला दर्ज किया गया है, यादव ने कहा कि वीडियो फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है और घायल पुलिसकर्मियों का बयान तब दर्ज किया जाएगा, जब वे स्वस्थ हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनके सहयोगी जुगराज को प्रदर्शनकारियों द्वारा धारदार हथियार से हमला किया गया और उन्हें ग्यारह टांके लगे।
डीजीपी ने कहा कि कुछ तत्व क्षेत्र में शांति के माहौल को खराब करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, पंजाब पुलिस एक मजबूत बल है और हमने आतंकवाद के खिलाफ जीत हासिल की है। हमने पंजाब में सद्भाव बनाए रखा है और राज्य देश की लड़ाई लड़ता रहेगा। इस साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी है। यदि नागरिकों को लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है तो उन्हें अपने विचार रखने के लिए सभी अवसर दिए गए हैं। लवप्रीत सिंह तूफान को यहां जेल से रिहा कर दिया गया।
पंजाब के अजनाला की एक अदालत ने लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दिया था और इसके कुछ घंटे बाद उसे अमृतसर केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों के खिलाफ रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के निवासी वरिंदर सिंह के कथित अपहरण और उससे मारपीट के लिए मामला दर्ज किया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या गुरुवार की घटना के संदर्भ में भीड़ कानून और व्यवस्था की शर्तें तय करेगी, डीजीपी यादव ने कहा, युवा पंजाबी हैं, वे हमारे नागरिक हैं। वे दुश्मन नहीं हैं, वे पाकिस्तानी नहीं हैं। बातचीत का रास्ता हमेशा खुला रहता है। इस घटना के संबंध में चूक करने वाले पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के संबंध में पूछे जाने पर यादव ने कहा, जो जांच चल रही है, उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।
अमृतपाल के समर्थकों द्वारा प्रदर्शन के दौरान खुलेआम हथियार लहराने पर डीजीपी ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन पंजाब में 3.5 लाख लाइसेंसी हथियार धारक हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने हथियारों की जांच और अवैध बंदूक धारकों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। डीजीपी ने लोगों से राज्य में शांति और सद्भाव का माहौल बनाए रखने की अपील की।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)