लखनऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म के मामले की जांच कर रहा विशेष जांच दल पीड़ित छात्रा, ब्लैकमेल करने वाले उसके तीन दोस्तों और चिन्मयानंद को लेकर शाहजहांपुर से बुधवार को राजधानी लखनऊ आ गया जहां सभी के आवाज के नमूने लिए जायेंगे।
लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में पांचों के आवाज के नमूने लिए जाएंगे, जिसका वायरल हुए वीडियो से मिलान किया जाएगा। आवाज के नमूने लेने के लिए पांचों को लखनऊ स्थित प्रयोगशाला ले जाने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट की अनुमति का पत्र 4 अक्टूबर को जेल प्रशासन तक पहुंच गया था। दुष्कर्म और रंगदारी प्रकरण की जांच में वायरल हुए वीडियो अहम सबूत हैं।
एसआइटी का दावा है कि जांच के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद, छात्रा और तीनों युवकों ने वीडियो में अपनी मौजूदगी स्वीकारी है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की जांच में भी वीडियो सही पाए गए हैं। उनसे टेंपरिंग या एडिटिंग की बात सामने नहीं आई है, लेकिन जो आवाज इन वीडियो क्लिप में है वह आरोपियों की ही है इसे साबित करने के लिए उनका वॉयस सैंपल टेस्ट होना जरूरी है। ताकि एसआइटी अपनी जांच को सही बताते हुए हाई कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रख सके।
गौरतलब है कि एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को वीडियो वायरल कर चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस प्रकरण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़िता को न्यायालय में तलब किया और मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एसआईटी के गठन का निर्देश दिया था।
न्यायालय के निर्देश के बाद एसआईटी ने यौन शोषण के आरोपी चिन्मयानंद एवं रंगदारी मांगने के मामले में पीड़िता समेत चार लोगों को जेल भेज दिया।