ऋषिकेश। शनिवार की सुबह अंकिता भंडारी का शव उत्तराखंड SDRF द्वारा चीला नहर से बरामद करने के बाद मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी के गठन की घोषणा की है। पुलिस ने शव बरामद होने के बाद अंकिता के परिजनों को बुलाया। सूचना मिलते ही अंकिता के पिता और भाई पहुंचे और अंकिता के शव की पुष्टि की है।
शनिवार सुबह अंकिता का शव मिलने पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस हृदयविदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए उन्होंने पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में SIT का गठन कर त्वरित जांच के भी आदेश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। अंकिता हत्याकांड में लोगों के आक्रोश और विपक्ष की घेराबंदी के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर शाम बुलडोजर चलवाकर रिजॉर्ट को ढहा दिया। रिजॉर्ट ढहाने की कार्रवाई पौड़ी जिला प्रशासन और पुलिस ने की।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के सभी रिजॉर्ट्स की जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही सभी जिलाधिकारियों को यह हिदायत दी है कि जो-जो रिसॉर्ट्स नए बने हैं और जो अवैध रूप से चल रहे हैं, उनकी भी जांच कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाएं।
उधर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि राजस्व पुलिस से ट्रांसफर होकर मुकदमा जैसे ही पौड़ी पुलिस के पास आया तो इसमें त्वरित कार्रवाई की गई। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। बावजूद इसके बहुत से लोग सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भड़का रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस संबंध में सभी जिला प्रभारियों को सोशल मीडिया की निगरानी के आदेश दिए गए हैं।
अंकिता का शव पोस्टमार्टम के लिए एम्स ऋषिकेश में पहुंचते ही शनिवार को एम्स ऋषिकेश के बाहर लोग भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे हैं। अंकिता हत्याकांड के खुलासे के बाद अब लोगों का गुस्सा अब भी बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच एम्स पहुंची विधायक को भी लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट यहां पहुंची तो गुस्साई भीड़ ने उनकी गाड़ी के शीशे तोड़ दिए। लोगों के विरोध के बाद एम्स से विधायक को वापस लौटना पड़ा।
मामले में लोगों के गुस्से से घबराई धामी सरकार ने आरोपी पुलकित आर्य के भाई अंकित की पिछड़ा आयोग से छुट्टी करने के संकेत दिए हैं। अंकित आर्य अभी पिछड़ा वर्ग आयोग का उपाध्यक्ष है। अंकिता का शव मिलने के बाद लोगों ने रिजॉर्ट के पीछे बनी पुलकित आर्य की फैक्टरी में भी आग लगा दी है।
इस हत्या में भाजपा नेता का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भाजपा और संघ पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने इस मामले में भाजपा और संघ नेताओं पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दसौनी ने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है और वहां की शिक्षा-दीक्षा है और जितनी भी जमीनें हैं, इनके पास हैं। अकेले देहरादून में करोड़ों और अरबों की संपत्ति आरएसएस के पास है। आज खुलासा हुआ है कि फार्मेसी के नाम पर एक आरएसएस वाला विनोद आर्य जमीन लेता है और वहां अपने बेटे का अवैध रिजॉर्ट बनाता है। इस रिजॉर्ट में कार्यरत लड़की को कुचलकर रख दिया गया इसलिए आरएसएस की जमीनों की भी जांच होनी चाहिए और उनका दुरुपयोग कहां-कहां हो रहा है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
5 दिनों से लापता अंकिता भंडारी का शव 6ठे दिन बरामद कर लिया गया। पुलिस ने शुक्रवार को रिजॉर्ट के संचालक पूर्व राज्यमंत्री के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य व उसके 2 मैनेजरों को उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। अंकिता का शव तलाशने के लिए पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद ली। चीला नहर का पानी बंद कराया गया, तब बमुश्किल शव बरामद हो पाया।
पौड़ी गढ़वाल के नांदल स्यूं पट्टी के श्रीकोट की निवासी अंकिता भंडारी (19) वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। वह गत 18 सितंबर को रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य की ओर से उसकी गुमशुदगी राजस्व पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई। तब पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब 8 बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से गई थी। इसके बाद करीब 10.30 बजे ये तीनों ही रिजॉर्ट में लौटे। अंकिता उनके साथ नहीं थी।
इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने सारे घटनाक्रम को उगल दिया।
उन्होंने पुलिस को बताया कि अंकिता पर वे यहां आने वाले ग्राहकों से संबंध बनाने को कहते थे। यह बात अंकिता सबको बता रही थी। वह बार-बार रिजॉर्ट की हकीकत सामने लाने की धमकी दे रही थी।
दो अलग-अलग वाहनों पर अंकिता को लेकर ये लोग चीला बैराज के पास गए। वहां पर उन्होंने साथ शराब पी। इसके बाद आगे चले और नहर किनारे रुक गए। यहां पर पुलकित और अंकिता का फिर से झगड़ा होने लगा। इस बीच अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फोन छीनकर नहर में फेंक दिया। इस बात पर पुलकित गुस्से में आ गया और उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया।
अंकिता ने 2 बार पानी से ऊपर आकर बचाने की आवाज लगाई, मगर वे तीनों डर गए और वहां से भागकर रिजॉर्ट में आ गए। अंकिता को नहर में धकेलकर वापस लौटने के कुछ देर बाद तीनों ही राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराने चले गए।
राजस्व पुलिस के जांच को भटकाने के बाद जब अंकिता के परिजनों का गुस्सा बढ़ा तो राजस्व पुलिस से जांच को हटाकर रेगुलर पुलिस को सौंपा गया। पुलिस के पास जांच आने के बाद लंबी पूछताछ के बाद पुलकित आर्य (निवासी स्वदेशी भवन, आर्यनगर, ज्वालापुर हरिद्वार), अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता आर्य (निवासी दयानंद नगरी, ज्वालापुर, हरिद्वार) और सौरभ भास्कर (निवासी सूरजनगर, ज्वालापुर, हरिद्वार) को हत्या, साक्ष्य छुपाने आदि के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तारी का खुलासा होते ही आसपास के गांवों के लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने आरोपियों को लेकर कोटद्वार न्यायालय जा रही जीप को रोक लिया। लोगों ने जीप के शीशे तोड़कर आरोपियों के कपड़े फाड़ दिए और उनकी जबर्दस्त पिटाई की। यही नहीं, लोगों ने गाड़ी को पलटने की कोशिश भी की। करीब 45 मिनट बाद एएसपी शेखर सुयाल मौके पर पहुंचे और लाठीचार्ज कर भीड़ को मौके से भगाया।