दोहरीघाट मऊ। हिन्दू धर्मग्रंथों में श्रावण माह की विशेष महत्व है, कहा जाता है कि 'श्रावणे पूजयेत शिवम्'। अर्थात श्रावण मास में शिव पूजा विशेष रूप से फलदाई है। इसलिए पूरे माह शिवभक्त महादेव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न करते है। माना जाता है कि श्रावण मास शिव को अतिप्रिय है, शिव के भक्त पूरे माह उपासना करते है, कुंवारी युवतियां पार्वती और भोले भंडारी को प्रसन्न करके अपने लिए सुयोग्य वर की प्रार्थना करती हैं।
सावन माह शुरू हो चुका है, भोले के भक्त पैदल यात्रा करते हुए गंगा जल लेने के गंगा नदी की तरफ कूच कर चुके हैं। इसी बीच मऊ के दोहरीघाट घाघरा नदी के रामघाट से एक भक्त को 50 किलो चांदी का शिवलिंग मिला, जिसे पाकर गांव के लोग बेदद खुश हैं और इसे शिव का चमत्कार मान रहे हैं। चांदी के इस शिवलिंग को मंदिर लाकर ग्रामीणों ने रुद्राभिषेक किया। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद इस शिवलिंग को अपने कब्जे में ले लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक यह शिवलिंग आलौकिक है। शिवलिंग मिलने की कहानी भी दिलचस्प है, दोहरीघाट कस्बे के रहने वाले राममिलन निषाद सुबह सरयू नदी में नहा रहे थे। नहाने के बाद उन्होंने पूजा पात्र को धोने शुरू किया तो, उन्हें कुछ चमकती चीज का नदी में होने का आभास हुआ। उन्होंने उस चमकती वस्तु को पहले खुद निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाने पर मदद के लिए मछली पकड़ रहे रामचंद्र निषाद को बुलाया। दोनों ने मेहनत करते हुए सवा फुट ऊंचा चांदी का शिवलिंग निकाला। यह शिवलिंग 50 किलोग्राम का है।
मऊ के एसपी अविनाश पांडे के मुताबिक दोहरीघाट थाना क्षेत्र घाघरा नदी से एक शिवलिंग मिला है, जो कौतूहल का विषय बना हुआ है। नदी में शिवलिंग मिलने के बाद उसकी विधिवत पूजा-अर्चना करा कर थाने के माल खाने में रखा गया है। शिवलिंग कहां से आया, कौन लाया इसकी जांच के लिए एजेंसियों की सहायता ली जा रही है, यदि इसके पीछे किसी की शरारत या कोई अन्य मकसद जांच में नही पाया जाता तो इस शिवलिंग को ग्रामीणों की इच्छा अनुसार स्थापित कर दिया जाएगा। फिलहाल शिवलिंग पाकर कस्बे के लोग प्रसन्न हैं और सावन माह में इसे शिवजी का आशीर्वाद मान रहे हैं।