भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को सिंधी समाज के हित में महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के तहत लद्दाख के 'सिंधु दर्शन उत्सव' में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति 25000 रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विशेष शिविर लगाकर सिंधी विस्थापितों को जमीन का मालिकाना हक भी दिया जाएगा।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सिंधी संस्कृति प्राचीनतम संस्कृति है। इसकी विशेषताओं को दिखाने वाले एक संग्रहालय का निर्माण राजधानी भोपाल में किया जाएगा। भारतीय सिंधी सभा द्वारा यहां दशहरा भेल मैदान में आयोजित अमर बलिदान हेमू कालाणी के जन्मशताब्दी समारोह में सिंधी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए चौहान ने यह बात कही।
चौहान ने यह भी ऐलान किया कि भोपाल की मनुआभान टेकरी के साथ ही प्रदेश के जबलपुर और इंदौर में भी अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले इन घोषणाओं को राजनीतिक परिदृश्य से भी देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधी विस्थापितों को कम कीमत पर पट्टे प्रदान करने के लिए मापदंड निर्धारित किए गए हैं। इसके अनुसार प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पात्र सिंधी विस्थापितों को पट्टे प्रदान करने का कार्य किया जाएगा। विशेष शिविर लगाकर पात्र सिंधी विस्थापितों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा।
चौहान ने कहा, लद्दाख स्थित सिंधु नदी के घाट पर प्रतिवर्ष जून माह में होने वाले सिंधु दर्शन उत्सव में प्रदेश के यात्रियों को ले जाने की व्यवस्था राज्य सरकार ने प्रारंभ की थी। कोरोना और अन्य कारणों से इसे निरंतरता नहीं मिली।
इस वर्ष मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में प्रति यात्री 25000 रुपए की राशि सिंधु दर्शन उत्सव में जाने वालों को प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सिंधी साहित्य अकादमी के बजट को बढ़ाकर पांच करोड़ रुपए वार्षिक किया जाएगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)