Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

दशहरे पर फिर ताकत दिखाएंगे शिवसेना के शिंदे एवं उद्धव गुट

हमें फॉलो करें दशहरे पर फिर ताकत दिखाएंगे शिवसेना के शिंदे एवं उद्धव गुट
मुंबई , सोमवार, 23 अक्टूबर 2023 (17:49 IST)
Shiv Sena Dussehra Rally: शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना मंगलवार को अपनी अपनी दशहरा रैलियों के जरिये एक बार फिर अपना अपना शक्ति प्रदर्शन करेंगे। पिछले दशहरे पर भी दोनों गुटों ने अलग-अलग रैलियों के माध्यम से अपनी ताकत दिखाई थी। 
 
पिछले साल जून में शिवसेना के विभाजित होने के बाद से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना खुद को पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने में लगी हैं। शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना को पार्टी का नाम एवं निशान मिला है।
 
उद्धव की रैली शिवाजी पार्क में : उद्धव ठाकरे दादर के विशाल शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की दशहरा रैली को संबोधित करेंगे। यह स्थान इस कार्यक्रम का पारंपरिक आयोजन स्थल है, जहां बाल ठाकरे चार दशक से अधिक समय तक अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरते रहे। शिंदे की रैली दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगी।
 
पिछले साल की तरह ही शुरू में इस बात को लेकर कुछ भ्रम पैदा हुआ था कि शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति किस धड़े को मिलेगी। ये दो रैलियां इस मायने से भी अहम हैं कि कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं तथा राज्य में मुंबई समेत कई शहरों में नगर निकाय चुनाव 2022 के प्रारंभ से ही लंबित हैं।
 
वीडियो क्लिप के जरिए एक-दूसरे पर हमला : इन रैलियों से पहले ठाकरे गुट ने बाल ठाकरे के भाषण के कई वीडियो क्लिप जारी किए हैं, खासकर उनमें ऐसे क्लिप हैं जिनमें बताया गया है कि दल-बदलुओं के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने व्यापक रूप से इन वीडियो क्लिप को साझा किया है।
 
अपनी रैली के बारे में शिंदे गुट के टीजर (इश्तहार) में बाल ठाकरे के ऐसे भाषण हैं, जहां उन्होंने हिंदुत्व की बड़ी ही दृढ़ता से पैरवी की है। उद्धव ठाकरे गुट ने लगातार शिंदे गुट के सदस्यों को ‘गद्दार’ बताया है जबकि शिंदे गुट का दावा है कि हिंदुत्व का परित्याग कर पूर्व मुख्यमंत्री (ठाकरे) ने भाजपा से नाता तोड़ा तथा कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से हाथ मिला लिया।
 
पिछले साल शिंदे और कई पार्टी विधायकों ने बगावत कर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिरा दी, जिसके बाद शिवसेना विभाजित हो गई। शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के अलग हुए गुट ने भाजपा के सहयोग से राज्य में सरकार बनाई। (भाषा/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा, मंत्रालय ने जारी की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट