Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नर्मदा घाटी के 20 गांवों में 200 विस्थापितों के द्वारा क्रमिक अनशन जारी

हमें फॉलो करें नर्मदा घाटी के 20 गांवों में 200 विस्थापितों के द्वारा क्रमिक अनशन जारी
बड़वानी । चर्चित सरदार सरोवर परियोजना की ऊंचाई बढ़ाने और गेट लगाने से आने वाली डूब के विरोध में निमाड़ के जिलों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

बड़वानी जिले  में बगुद, पिछोड़ी, अवल्दा व धार जिले के चिखल्दा, कड़माल, खापरखेड़ा, बाजरखेड़ा, निसरपुर, कोठड़ा, करोदिया, बोधवाड़ा, गोपालपुरा, गांगली, कवठी, एकलबारा एवं सेमल्दा, पेरखड़ इत्यादि गांवों में अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन 10 जुलाई से शुरू किया गया है। डूब प्रभावितों ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग है कि पहले उनका समग्र पुनर्वास होना चाहिए,  तब तक वे अपने मूल गांव को नहीं छोड़ेंगे।
 
डूब प्रभावितों की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि डूब से प्रभावित होने वाले गांव वालों को सरकार बिना पुनर्वास के ही गांव खाली करने की बार-बार धमकी दे रही है।  पुनर्वास स्थलों में अभी भी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। इसके बावजूद प्रशासन मूल गांवों को 30 जुलाई तक जबरदस्ती खाली करवाने के आदेश दे रहा है। इन पुनर्वास स्थलों पर केवल  टीन के शेड बनाकर प्रशासन जबरन लोगों को उसमें रहने के लिए दबाव बना रहा है। 
 
प्रभावितों का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अगर इन टीन शेड के घरों में 1 दिन भी गुजार लें तो हम उसमें पूरा जीवन बिताएंगे बल्कि सर्वोच्च अदालत का फैसला सन्‌  2000, 2005, 2017 व नर्मदा ट्रिब्यूनल का फैसला एवं राज्य की पुनर्वास नीति के अनुसार जो पुनर्वास होना था, उसका आज तक नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण व राज्य सरकार द्वारा भी पालन नहीं हुआ।
 
सर्वोच्च अदालत के आदेश 8 फरवरी 2017 का भी पालन मप्र सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। प्रदेश सरकार एक ही बात कर रही है कि 31 जुलाई 2017 के पहले गांव खाली हो  जाएं, परंतु आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि पहले विस्थापितों का पुनर्वास होना चाहिए, उसके बाद ही गांव खाली कर सकते हैं।
 
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारी गांव में नहीं आ रहे हैं व राजस्व विभाग एवं अन्य विभाग के अधिकारियों को गांव में भेजकर सर्वे किया जा रहा है। उन अधिकारियों को  भी गांव की स्थिति के बारे में मालूम नहीं है, जैसे कि सरदार सरोवर बांध प्रभावित के लिए क्या आदेश, पुनर्वास नीति आदि उसकी कोई भी जानकारी नहीं है। डूब प्रभावितों ने पूर्ण पुनर्वास नहीं हो जाने तक प्रभावित गांवों में अनशन जारी रखने का प्रण लिया है।

साभार - सप्रेस 
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत में सांप्रदायिक हमलों से अलकायदा को फायदा!