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उत्तर प्रदेश में आमजन की आवाज से बन रहा विकास का रोडमैप

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हमें फॉलो करें Roadmap for development in Uttar Pradesh is being made from the voice of common people
लखनऊ , शुक्रवार, 19 सितम्बर 2025 (20:56 IST)
  • ढाई लाख से ज्यादा फीडबैक के साथ आगे बढ़ा ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ अभियान
  • ग्रामीण क्षेत्रों से 1.85 लाख और नगरीय क्षेत्रों से 70 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त
  • आमजन के लिए शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा, आमजन ने दिया विकसित यूपी का विजन
Uttar Pradesh News : योगी सरकार द्वारा संचालित 'समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047' अभियान निरंतर जनभागीदारी और सुझावों के साथ आगे बढ़ रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यावसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम जनमानस से संवाद किया। इस संवाद में न केवल विगत आठ-साढ़े 8 वर्षों की विकास यात्रा साझा की गई, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने के लिए रोडमैप पर चर्चा और फीडबैक भी प्राप्त किया गया।
 
ढाई लाख से अधिक फीडबैक दर्ज
सरकार द्वारा विकसित पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक ढाई लाख से ज्यादा फीडबैक दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1.85 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में करीब 70 हजार फीडबैक प्राप्त हुए।  आयु वर्ग के अनुसार 90 हजार से अधिक सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, 1.36 लाख से अधिक सुझाव 31-60 वर्ग और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से करीब 30 हजार से अधिक सुझाव आए हैं।
 
शिक्षा क्षेत्र पर सबसे अधिक फीडबैक
जनता के बीच शिक्षा अब भी सबसे बड़ा मुद्दा है। शिक्षा से जुड़े 90 हजार से अधिक सुझाव मिले। इसके अलावा नगरीय एवं ग्रामीण विकास से जुड़े 50 हजार, स्वास्थ्य और समाज कल्याण पर 20-20 हजार तथा कृषि क्षेत्र से संबंधित 45 हजार से अधिक सुझाव दर्ज किए गए। टूरिज्म में 5 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। 
 
इन जिलों से मिल रही भागीदारी
एटा, मेरठ, मुजफ्फनगर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, मैनपुरी, कानपुर देहात, हरदोई आदि जनपदों से सबसे अधिक भागीदारी रही। इन जिलों से 90 हजार से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए। यह दर्शाता है कि जनता इस अभियान को गंभीरता से ले रही है।
 
लड़कियों की शिक्षा से लेकर युवाओं के प्रशिक्षण तक मिल रहे सुझाव
लखनऊ से पुष्पा शुक्ला ने सुझाव दिया है कि लड़कियों की शिक्षा से लेकर रोजगार तक एक सतत कार्यक्रम बनाया जाए, जिसमें स्कूल स्तर पर साप्ताहिक एसटीईएम एवं वित्तीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, मुफ्त सैनिटरी किट, आईटीआई/पॉलीटेक्निक आधारित लघु कौशल-पाठ्यक्रम (ईवी, उद्यमिता, प्रशिक्षण आदि) और बिज़नेस पास के जरिए उपस्थिति सुनिश्चित कर 2-3 वर्षों में ड्रॉप-आउट दर को 5% से कम करने जैसे कदम शामिल हों।
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बांदा के योगेश मिश्रा का कहना है कि सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और उभरती तकनीकों के रोजगार अवसरों को नोएडा की तरह लखनऊ, आगरा, मेरठ, कानपुर और वाराणसी जैसे टियर-2 शहरों में भी विस्तार दिया जाए, क्योंकि ये शहर हाई स्पीड ट्रेन नेटवर्क से जुड़े होने के कारण प्रतिभा और संसाधनों को आकर्षित कर सकते हैं।

वहीं जालौन के यश तिवारी ने मांग की है कि जिले में उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या एवं गुणवत्ता दोनों बढ़ाई जाए, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र बाहर गए बिना अपने गृह जिले में ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें और क्षेत्र का समग्र विकास संभव हो सके।
 
विकसित उत्तर प्रदेश@2047 विजन के लिए नागरिकों से सुझाव आमंत्रित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प विकसित उत्तर प्रदेश@2047 को साकार करने के लिए प्रदेशभर में 5 सितम्बर से 5 अक्टूबर 2025 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार ने बताया कि नागरिक अपने सुझाव https://samarthuttarpradesh.up.gov.in पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। 19 सितम्बर को अर्थ एवं संख्या प्रभाग के 300 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित किया गया।
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सचिव नियोजन/महानिदेशक अर्थ एवं संख्या सेल्वा कुमारी जे. ने सभी को स्वयं, परिवार व मित्रजनों से सुझाव दर्ज कराने का आह्वान किया। निदेशक अलका बहुगुणा ढौंडियाल ने अधिकतम जनभागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया। प्राप्त सुझावों में से उत्कृष्ट व सार्थक विचारों का चयन कर प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा। नियोजन विभाग इस विजन डॉक्यूमेंट का नोडल विभाग है।
Edited By : Chetan Gour

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