श्रीनगर। मौत कब और कहां से आ जाए, इस बारे में कोई नहीं जानता। सोमवार सुबह दूरदर्शन श्रीनगर केंद्र पर कार्यक्रम में मौजूद गेस्ट को लाइव शो में हार्टअटैक आ गया। शो रोककर अस्पताल ले जाने पर उनकी मौत हो गई। वह शख्सियत थीं जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी की पूर्व सचिव रीता जितेन्द्र।
85 वर्षीय प्रो. रीता जितेन्द्र सोमवार सुबह डीडी कश्मीर पर लाइव कार्यक्रम 'गुड मॉर्निंग जेएंडके' में गेस्ट के तौर पर मौजूद थीं। राज्य कल्चर अकादमी में हिन्दी एड्वाइजरी बोर्ड की सदस्य होने के साथ-साथ प्रो. रीता की भाषा पर काफी पकड़ थी। वर्ष 2004 में उन्हें अवॉर्ड फॉर सोशल रिफॉर्म एंड एम्पॉवर्मेंट से सम्मानित किया गया था।
रियासत में कला और संस्कृति क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती और पूर्व जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी की सचिव रीता जितेन्द्र का निधन सोमवार श्रीनगर में एसएमएचएस अस्पताल में हुआ।
प्रो. रीता जितेन्द्र परेड महिला कॉलेज से बतौर प्रिंसीपल सेवानिवृत्त हुई थीं, वहीं वे अप्रैल 1993 से 1995 तक जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति और भाषा अकादमी में सचिव पद पर रहीं। सेवानिवृत्त होने के बाद भी वे साहित्य जगत में सक्रिय रहीं। वर्तमान में वे राज्य कल्चर अकादमी में हिन्दी एड्वाइजरी बोर्ड की सदस्य भी थीं।
प्रोफेसर रीता जितेन्द्र ने फिमेल एक्टिविस्ट के तौर पर महिलाओं के न्याय के लिए काफी संघर्ष किया। देश की आजादी के समय 8 वर्ष की आयु में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट उन्होंने लाहौर रेडियो स्टेशन में ऑडिशन दिया था। प्रो. रीता ने कई किताबों का लेखन किया है। उनकी लेखनी में समाज का दर्द छलकता है। जम्मू-कश्मीर रेडियो स्टेशन में उन्होंने कई ड्रामाओं में अपनी आवाज दी है।