अहमदाबाद। वाहन चालकों के लिए गुजरात में राहतदायी खबर है। यातायात नियमों के उल्लंघनों के लिए कम किए गए 90% जुर्माने सोमवार से लागू हो गए। भाजपा सरकार ने हाल में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) में भारी जुर्माने में राहत देने की घोषणा सप्ताहभर पहले की थी।
कांग्रेस ने हालांकि इस पूरे कदम का विरोध किया और कहा कि नया अधिनियम सड़कों के गड्ढे भरे जाने के बाद ही लागू किया जाना चाहिए। गत सप्ताह राज्य सरकार ने संसद द्वारा जुलाई में पारित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 के तहत विभिन्न यातायात उल्लंघनों के लिए लगाया गया भारी जुर्माने कम किए थे।
प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र जारी करने वाले केंद्रों पर लंबी कतारें लगी थीं। हालांकि सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि इसके उल्लंघन के लिए जुर्माना पुराने नियमों के अनुसार 100 रुपए ही रहेगा, नए अधिनियम के अनुसार निर्धारित 500 रुपए नहीं।
गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा ने दावा किया कि सरकार द्वारा उचित तैयारी किए बिना लोगों पर नए यातायात नियम थोप दिए गए। हजारों लोग अब भी पीयूसी प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कतार में हैं। भाजपा सरकार ने पुलिस को इन नए नियमों को लागू करके लोगों को लूटने की इजाजत दे दी है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पिछले सप्ताह यातायात उल्लंघनों के लिए संशोधित अधिनियम में निर्धारित भारी जुर्माने में 90% तक की कटौती की घोषणा की थी। रूपाणी ने कहा था कि संशोधित केंद्रीय मोटर यान अधिनियम में बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है, गुजरात में यह जुर्माना 500 रुपए होगा। यह जुर्माना अभी 100 रुपए है।
वहीं केंद्रीय कानून में दोपहिया वाहन पर पीछे बैठे व्यक्ति के हेलमेट नहीं पहनने के लिए 1,000 रुपए के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है यह प्रावधान गुजरात में बिलकुल भी लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि संशोधित केंद्रीय कानून में चालक के पास लाइसेंस नहीं होने पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। हालांकि राज्य पुलिस इस उल्लंघन के लिए दोपहिया वाहन सवारों से 2,000 रुपए और बड़े वाहन चालकों से 3,000 रुपए वसूल करेगी।