मुजफ्फरनगर। उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में शनिवार शाम पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 23 यात्रियों की मौत हो गई और 400 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। उत्तरप्रदेश पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में कम से कम 23 लोग मारे गए हैं।
मुख्य मेडिकल अधिकारी पीएस मिश्रा और मेरठ जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि शाम 5:45 बजे हुई इस दुर्घटना में कम से कम 11 लोग मारे गए और 400 जख्मी हुए हैं। खतौली मुजफ्फरनगर से करीब 40 किलोमीटर दूर है । पीएसी, एटीएस और एनडीआरएफ की टीमों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। भारी-भरकम क्रेनों और गैस कटरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। स्थानीय लोगों को बचाव के काम में मदद करते देखा गया।
मुजफ्फरनगर के अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है। इस कंट्रोल रूम के फोन नंबर हैं- 0131-2436918, 0131-2436103 और 0131-2436564। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि रेल मंत्रालय एवं राज्य सरकार प्रभावित लोगों को मदद मुहैया कराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय की ओर से हालात की करीबी तौर पर निगरानी की जा रही है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने ट्रेन के पटरी से उतरने की इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद हालात पर नजर रखे हुए हैं और किसी तरह की चूक का पता चलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रभु ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजन को 3.5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायलों को 50,000 रुपए जबकि मामूली तौर पर घायलों को 25,000 रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया।
कई ट्वीट कर प्रभु ने यह भी कहा कि रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य (यातायात) से कहा गया है कि वे राहत और बचाव अभियान की निगरानी करें। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों और दो खोजी कुत्तों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। मेडिकल वैन भी घटनास्थल के लिए भेजे गए हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में 45 जवान होते हैं।
प्रभु ने कहा कि तेजी से राहत और बचाव अभियान चलाने की सारी कोशिशें की जा रही हैं। रेल मंत्रालय राहत और बचाव अभियान में समन्वय कायम करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के संपर्क में भी है। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार ने कहा कि तेजी से राहत और बचाव का काम सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जा रही है।
इस बीच सक्सेना ने कहा कि शुरूआत में हमने सोचा कि इसमें सिर्फ 4-5 डिब्बे शामिल हैं, लेकिन अब हमें पता चला है कि 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। अभी हमारा फोकस दुर्घटना के कारण का पता लगाने में नहीं बल्कि बचाव के काम पर है। कुमार ने कहा कि अंधेरे की वजह से बचाव अभियान में बाधा आने के कारण बिजली विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि वे सुनिश्चित करें कि बिजली आपूर्ति में कोई कमी नहीं हो।
उन्होंने कहा कि मेरठ जोन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की शाखाओं को अलर्ट कर दिया गया है और घायलों को उचित इलाज सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हरसंभव कदम उठाएं। आदित्यनाथ ने अपने दो मंत्रियों को घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं ताकि राहत और बचाव के काम में तेजी लाई जा सके। (भाषा)