लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)। लखीमपुर खीरी जिले के दुधवा बफर जोन के मांझरा पूरब के जंगलों से भटके एक बाघ ने तिकुनिया पुलिस थाना क्षेत्र में राम जानकी मंदिर के पुजारी पर हमला कर मार डाला। इस घटना से उत्तेजित स्थानीय ग्रामीणों ने बाघ के खतरे से राहत की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। ग्रामीण वहां पर सुरक्षा के लिए तारबंदी की मांग कर रहे थे।
वन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पुजारी मोहन दास (52) शुक्रवार की रात को जब खाना खाने के बाद मंदिर के पास ही टहल रहे थे, तभी यह घटना हुई। मंदिर दुधवा बफर जोन के जंगलों के पास तिकुनिया-बहराइच रेलवे ट्रैक के पास स्थित है, जहां बाघों, जंगली हाथियों और अन्य जंगली जानवरों की आवाजाही की अक्सर सूचना दी जाती है।
इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष की कई घटनाएं हो चुकी हैं। जानकारी के अनुसार बाघ ने पुजारी मोहन दास पर हमला किया और उनके शरीर को घसीटकर पास के जंगलों में ले गया, जहां उसने शरीर के बड़े हिस्से को खा लिया। शनिवार को उनके सिर सहित शरीर के अवशेष और कुछ अन्य अंग बरामद किए गए।
इस घटना से उत्तेजित स्थानीय ग्रामीणों ने बाघ के खतरे से राहत की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। ग्रामीण वहां पर सुरक्षा के लिए तारबंदी की मांग कर रहे थे। उप निदेशक दुधवा बफर जोन, उप जिलाधिकारी निघासन सहित अन्य लोगों के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों से बातचीत की।
उप निदेशक दुधवा बफर जोन सुंदरेशा ने बाघ के हमले में पुजारी के मारे जाने की पुष्टि की और कहा कि वन विभाग ग्रामीणों की मांग के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हो गया है।
इसके अलावा, जंगली जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें मानव बस्तियों से दूर रखने के लिए हाथियों पर गश्त करने के लिए क्षेत्र में वन टीमों को तैनात किया जाएगा। इस क्षेत्र में बाघ की पहचान के लिए कैमरे लगाए जाएंगे।(भाषा)