पटना। लगता है चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। किशोर के खिलाफ पाटलिपुत्र थाने में जालसाजी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने अभियान 'बात बिहार की' के कंटेंट में नकल की है।
मोतिहारी निवासी शाश्वत गौतम ने किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें एक अन्य युवक ओसामा का भी नाम है और यह युवक पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है। शाश्वत ने पूर्व में कांग्रेस के लिए काम किया है।
मामला कुछ यूं है कि शाश्वत गौतम ने 'बिहार की बात' के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था और इसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी। उनके यहां काम करने वाले नाम के युवक ने इस्तीफा देकर गौतम के सारे कंटेंट को किशोर के हवाले कर दिया था और किशोर ने इन सारे के सारे कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया था।
इस मामले को लेकर गौतम ने पुलिस को साक्ष्य देकर दावा किया है कि अपने कंटेंट के साथ उन्होंने वेबसाइट को जनवरी माह में ही रजिस्टर्ड करवाया था जबकि इसके उलट किशोर ने अपनी वेबसाइट को फरवरी में पंजीकृत करवाया।
मामला सामने आने के बाद पटना पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है और धारा 420, 406 के तहत इस मामले को दर्ज किया गया है। पुलिस टीम एफआईआर में कई कागजातों को खंगालेगी। पुलिस के आला अफसर भी इस मामले में सुपरविजन करेंगे जिसके बाद ही इस केस को सही या गलत करार देकर आगे की कार्रवाई होगी।
शाश्वत गौतम बिहार के पूर्वी चंपारण के चैता गांव के रहने वाले हैं तथा वे पेशे से इंजीनियर हैं। वे काफी दिनों तक अमेरिका में भी रहे हैं। उन्होंने वहां एमबीए की पढ़ाई की थी तथा जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में 2012 में छात्र संघ का चुनाव जीता।