कानपुर। कहते हैं कभी-कभी नेतागिरी करना भी भारी पड़ जाता है वह भी उस समय, जब सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन की इज्जत दांव पर लगी हो। ऐसा ही कुछ वाकया उत्तरप्रदेश के कानपुर में होटल लैंडमार्क के बाहर देर रात देखने को मिला, जब एक नेताजी जबर्दस्ती होटल के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे तो पुलिस के समझाने के बाद भी न मानना और नेतागिरी करना उन्हें भारी पड़ गया, क्योंकि सुरक्षा में सेंध लगती देख पुलिस ने नेताजी को पीट दिया।
बस फिर क्या था। नेताजी को गुस्सा आ गया और होटल के बाहर बैठ पुलिस पर कार्रवाई करने की बात करने लगे। ऐसे में पुलिस क्या करे? क्योंकि एक तरफ खिलाड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर की गई तैयारियों के मद्देनजर अधिकारियों के आदेश का पालन भी करना है और दूसरी तरफ सत्ता में काबिज पार्टी नेताजी की नेतागिरी भी सहन करनी है।
पुलिस की हालत तो ऐसी थी कि एक तरफ कुआं, तो दूसरी तरफ खाई। लेकिन जो कुछ भी हुआ सुरक्षा के मद्देनजर हुआ। पुलिस के इस कदम को वहां पर मौजूद सभी लोग सही मानते हैं कुछ लोगों ने अपना नाम न छापने की बात कहते हुए कहा कि इंटरनेशनल मैच है, कानपुर का सम्मान भी दांव पर लगा है, अगर ऐसे में कुछ गलत हो जाएगा तो पूरे भारत व विश्व में कानपुर का नाम बदनाम होगा। पुलिस ने जो कुछ किया, सही किया।
क्या था मामला? : उत्तरप्रदेश के ग्रीनपार्क में भारत व न्यूजीलैंड के बीच आज (रविवार को) डे-नाइट मैच होना है। उसी मैच को देखने के लिए पास लेने देर रात लैंडमार्क पहुंचे भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री सुनील साहू को गेट पर पुलिस ने रोका तो उन्होंने कहा कि खेलमंत्री चेतन चौहान ने उन्हें पास देने के लिए बुलाया है। इसके साथ ही विजिटिंग कार्ड दिखाते हुए वे पुलिस पर रौब गांठने लगे।
और पुलिस कुछ समझ पाती इसके पहले ही हाई सिक्योरिटी जोन में खड़े पुलिसकर्मियों के रोकने के बावजूद वे होटल के अंदर तक घुस गए। पुलिस ने उन्हें रोकने और समझाने की कोशिश की तो उन्होंने फोन कर अपने सैकड़ों समर्थकों को बुला लिया। लेकिन जब खिलाड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था टूटती नजर आई तो पुलिस हरकत में आई और सुनील साहू समेत उनके समर्थकों को पीटना शुरू कर दिया।
लाठीचार्ज शुरू होते ही भगदड़ मच गई। पुलिस ने सभी को होटल से खदेड़ बाहर कर दिया और इसके बाद नेताजी नारेबाजी करते हुए सड़क पर लेट गए। विरोध कर रहे भाजपा नेता दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। जानकारी होने पर एसपी (पूर्वी) अनुराग आर्या समेत कई थानों की फोर्स पहुंच गई। उन्होंने नेताओं को समझाकर मामला शांत कराया।
क्या बोले नेताजी? : भाजपा नेता सुनील साहू ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि खेलमंत्री ने उन्हें पास के लिए बुलाया था। जब वे पास के लिए पहुंचे तो पुलिस ने परिचय देने के बावजूद धक्का-मुक्की की और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज करने लगी।
क्या बोले अधिकारी? : एसपी (पूर्वी) ने फोन पर बताया कि सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद ही इसकी जानकारी हो पाएगी कि मामला क्या था? अगर पुलिस गलत पाई जाती है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन किसी भी सूरत में दोषी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा नेताओं की तरफ से तहरीर मिली है और उसकी भी जांच कराई जा रही है और अगर मामला सत्य साबित होता है तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।