लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब कांड की जांच का जिम्मा विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को सौंपने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रविवार देर रात जहरीली शराब की घटनाओं की समग्र जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। जांच दल को 10 दिन में अपनी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एडीजी रेलवे संजय सिंघल, मंडलायुक्त गोरखपुर अमित गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक गोरखपुर परिक्षेत्र जय नारायन सिंह, मंडलायुक्त सहारनपुर चंद्रप्रकाश त्रिपाठी और पुलिस महानिरीक्षक सहारनपुर शरद सचान एसआईटी के सदस्य हैं।
इससे पहले सहारनपुर में देवबंद और कुशीनगर के तनकुहीराज के क्षेत्राधिकारी को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। योगी ने कहा कि कुशीनगर तथा सहारनपुर की घटनाओं के दोषियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायगा।
सूत्रों ने बताया कि जांच दल प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर और पीड़ित परिवारों से मिलकर घटना के विस्तृत कारणों का पता लगाएगा, वह यह भी छानबीन करेगा कि घटनाओं के पीछे कोई साजिश तो नहीं तथा इसके पीछे कौन-कौन लोग हैं।
उन्होंने बताया कि जांच दल पूर्व में हुई ऐसी घटनाओं की समीक्षा करेगा। आबकारी विभाग, प्रशासन और पुलिस द्वारा की गई कार्यवाई की समीक्षा करेगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की संस्तुति करेगा। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, विशेष अनुसंधान दल इस संबंध में भी संस्तुति करेगा।
उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने के आरोप में सहारनपुर में देवबंद के क्षेत्राधिकारी सिद्धार्थ और कुशीनगर में तनकुहीराज के कोतवाल रामकृष्ण तिवारी को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
गौरतलब है कि सहारनपुर में जहरीली शराब के सेवन से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुशीनगर में 13 अकाल मृत्यु का शिकार बने। इस सिलसिले में पुलिस ने प्रदेश में अब तक 175 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और दस हजार लीटर से ज्यादा देशी शराब बरामद की।