तिरुवनंतपुरम। केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (केएसएचआरसी) ने पथानामथिट्टा में एक नदी में आयोजित 'मॉक ड्रिल' में हिस्सा लेने के दौरान एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत के मामले में शुक्रवार को मामला दर्ज किया। केएसएचआरसी ने इस घटना के सिलसिले में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
बाढ़ से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन एजेंसियों की तैयारियों का आकलन करने के लिए आयोजित मॉक ड्रिल में स्वयंसेवक के रूप में काम करने वाले बिनु सोमन (34) को गुरुवार को कीझवईपुर के पास मणिमाला नदी में डूबते देखा गया था।
हालांकि बिनु सोमन को बचाया गया और अधिकारियों ने तिरुवल्ला के एक निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया, बाद में दिन में उसकी मृत्यु हो गई। आयोग ने एक मानवाधिकार कार्यकर्ता की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि अगर बचाव कर्मी समय पर पहुंच जाते तो बिनु सोमन की जान बचाई जा सकती थी।
मानवाधिकार कार्यकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि बिना किसी एहतियात के आयोजित मॉक ड्रिल मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन था और सोमन की दुखद मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
केएसएचआरसी की सदस्य वीके बीना कुमारी ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के प्रमुख और पठानमथिट्टा के जिलाधिकारी को उन परिस्थितियों की जांच करने के बाद अगले 15 दिनों के भीतर एक स्पष्टीकरण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसके कारण यह त्रासदी हुई थी।
आयोग इस संबंध में रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई करेगा। बाढ़ और भूस्खलन से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन टीम की तैयारियों का आकलन करने के लिए गुरुवार को पठानमथिट्टा जिले में विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)