बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सोमवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि पिछले हफ्ते दिल्ली में विपक्षी इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने का सुझाव और उन्हें गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने के कारण उन्हें मायूसी हुई और वे इसको लेकर उन्हें नाराजगी है।
भाजपा के विरोध में विपक्षी दलों को एकजुट करने की पहल करने वाले जदयू नेता ने सोमवार को कहा, मुझे कोई मायूसी नहीं हुई, कोई नाराज़गी नहीं हुई।
दिवंगत प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर सोमवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश ने दिल्ली और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों क्रमश: अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी द्वारा खरगे के नाम प्रस्तावित किए जाने के बारे में कहा कि बैठक में मुद्दा (एक नेता के नाम का) आया। मैंने शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था कि हमारी अपनी कोई इच्छा नहीं है। सबलोग साथ मिलकर चलें यही हम चाहते हैं। फिर एक और नाम प्रस्तावित किया गया, मैंने कहा कि यह लिए ठीक है।
भाजपा नेतृत्व वाले राजग में जदयू नेता के विरोधियों ने इस घटनाक्रम की आलोचना करते हुए दावा किया था कि आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने वास्तव में नीतीश की कथित प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षाओं को दरकिनार दिया है।
बैठक के बाद खरगे ने जिस संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया उसमें कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पद के चेहरे के मुद्दे को ठंडे बस्ते में रखने की इच्छा व्यक्त की थी और इस बात पर जोर दिया था कि इंडिया गठबंधन को पहले पर्याप्त संख्या में लोकसभा सीटें जीतने की जरूरत है।
नीतीश से जनवरी तक सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के उनके कथित आग्रह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हां, मैंने कहा था कि सीट बंटवारे को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। मैं पहले भी इसको लेकर अपने विचार व्यक्त कर चुका हूं। मुझे विश्वास है कि ऐसा सभी राज्यों में सही समय पर कर लिया जाएगा। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सीट बंटवारा सही समय पर हो जाएगा।
केंद्र की मोदी सरकार पर मीडिया पर लगाम लगाने का आरोप लगा चुके नीतीश ने कहा कि आप मीडिया वालों पर नियंत्रण किसी और का है। हम आपकी इज्जत करते हैं और करते रहेंगे। आपलोग खूब आगे बढ़िए।
उन्होंने दिवंगत वाजपेयी के प्रति अपने मन में अपार सम्मान की बात करते हुए कहा कि श्रद्धेय अटल जी की सरकार में हम तीन-तीन विभागों के मंत्री थे। वे मुझे बहुत मानते थे। मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाने में अटल जी का बहुत बड़ा योगदान है।
उन्होंने कहा कि उनके प्रति मेरा आदर का भाव हमेशा से रहा है और हम जब तक हैं वो जीवनभर रहेगा। जब तक श्रद्धेय अटल जी प्रधानमंत्री थे तो किसी भी धर्म के माननेवालों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती थी।
दिवगंत अटलबिहारी वाजपेयी की विवारधारा से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग जो भी अपनी बात रखते थे वे उसको स्वीकार करते थे। उनके समय में बहुत काम हुआ। हर क्षेत्र में उन्होंने मदद किया, हमने काम भी किया है। भाषा