बिहार में नाटकीय उलटफेर के बाद रविवार को रिकॉर्ड 9वीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने दावा किया कि राजग छोड़कर अब उनके कहीं और जाने का कोई सवाल ही नहीं है।
बिहार की महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देने के बाद महागठबंधन के साथ-साथ विपक्षी इंडिया गठबंधन में स्थिति ठीक नहीं होने का दावा करने वाले कुमार को कुछ ही घंटों बाद राजग की नई सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में यहां राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने शपथ दिलायी।
जदयू नेता कुमार (72) ने शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, मैं पहले भी उनके (राजग) साथ था। हम अलग-अलग रास्तों पर चले गए लेकिन अब हम साथ हैं और रहेंगे....मैं जहां (राजग) था, वहां वापस आ गया और अब कहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता।
उन्होंने कहा कि रविवार को कुल आठ लोगों ने मंत्रिपद की शपथ ली और बाकी लोगों के नाम जल्द ही तय कर लिये जायेंगे।
कुमार ने कहा कि भाजपा नेता सम्राट चौधरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा उपमुख्यमंत्री होंगे। कुमार ने यह भी दोहराया कि वह बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। नीतीश ने आरजेडी का साथ छोड़कर फिर भाजपा के साथ सरकार बनाई। कुमार के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी एवं प्रेम कुमार और जद (यू) के विजेंद्र यादव एवं श्रवण कुमार ने भी मंत्रिपद की शपथ ली।
नीतीश कुमार के अलावा एचएएम के संतोष कुमार सुमन, सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय) ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार में मंत्रिपद की शपथ ली।
कुमार ने दिन में यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी इंडिया गठबंधन में उनके लिए चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।
इसी के साथ उन्होंने भाजपा के सहयोग से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था।
पलटूराम के रूप में किया जाएगा याद : शरद पवार गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने रविवार को कहा कि नीतीश कुमार को राजनीतिक इतिहास में 'महान पलटू राम' के रूप में याद किया जाएगा, जो भाजपा के इशारे पर उछल-कूद मचाना पसंद करते हैं।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने एक बयान में कहा कि उन्होंने (नीतीश) एक बार फिर से पलटी मारी, जिसमें कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि वह इस तरह के रवैये के आदी हो गये हैं। राकांपा ने भाजपा को नीतीश कुमार का मदारी करार दिया, जिसके इशारों पर वह (नीतीश) उछल-कूद मचाना पसंद करते हैं।
क्या बोले प्रशांत कुमार : राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने भी कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि पाला बदलना उनकी राजनीति का हिस्सा बन गया है और भाजपा को जदयू प्रमुख का समर्थन करने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, जिन्होंने अगस्त 2020 में भी उसे धोखा दिया था।
क्या है स्थिति : 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में जद(यू) के 45 और भाजपा के 78 विधायक हैं। कुमार को एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन हासिल है। जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाला हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा पहले से ही राजग का हिस्सा है। उसके चार विधायक हैं। राजद (79 विधायक), कांग्रेस(19 विधायक) और वाम दलों (16 विधायकों) के विधायकों को मिलाकर महागठबंधन के 114 विधायक हैं, जो बहुमत से आठ कम है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma