पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में कम सीटें आने से दुखी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दर्द आखिर सामने आ ही गया। उन्होंने कहा कि पता ही नहीं चला कि कौन दुश्मन था और कौन दोस्त। हालांकि चुनाव के दौरान इस बात का पता चल गया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
नीतीश ने परोक्ष रूप से भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए में सीटों के बंटवारे में हुई देरी के चलते उनकी पार्टी जदयू को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
जनता दल यू की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि सीटों का बंटवारा चुनाव से 5 महीने पहले हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इसकी कीमत जेडीयू को चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन भाजपा और जदयू के दबाव में उन्हें यह पद स्वीकार करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि चुनाव में चिराग पासवान की एलजेपी ने जदयू को काफी नुकसान पहुंचाया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 74 सीटें मिली थीं, जबकि जदयू के खाते में 43 सीटें ही आई थीं। नीतीश में चुनाव में हारे नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि वे अब परिणाम को भूलकर फिर से काम में जुट जाएं।