Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नवाब मलिक ने लगाया वानखेड़े पर गंभीर आरोप, कहा- रिश्तेदार को गलत तरीके से फंसाया

हमें फॉलो करें नवाब मलिक ने लगाया वानखेड़े पर गंभीर आरोप, कहा- रिश्तेदार को गलत तरीके से फंसाया
, गुरुवार, 18 नवंबर 2021 (15:01 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के विरुद्ध ताजा आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि वानखेड़े ने अपनी पहली पत्नी के रिश्तेदार को मादक पदार्थ के एक मामले में गलत तरीके से फंसाया ताकि उसका परिवार अधिकारी के खिलाफ न बोल सके।
 
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मलिक ने यहां कहा कि वानखेड़े ने भारतीय पुलिस सेवा के एक अधिकारी के बेटे को भी मादक पदार्थ के मामले में फंसाया और उसे गिरफ्तार करवाया। मलिक ने कहा कि आईपीएस अधिकारी के साथ वानखेड़े का कोई विवाद था जिसके चलते उन्होंने ऐसा किया। मलिक ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री और राकांपा सदस्य अनिल देशमुख का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया।
 
देशमुख को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया था और अभी वे न्यायिक हिरासत में हैं। बुधवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी कहा था कि देशमुख के साथ अन्याय हो रहा है। मलिक ने भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी वानखेड़े के विरुद्ध आरोप लगाने का सिलसिला गुरुवार को भी जारी रखा।
 
वानखेड़े अपनी पहली पत्नी शबाना कुरैशी को 2016 में तलाक दे चुके हैं और उन्होंने अभिनेत्री क्रांति रेडकर से 2017 में शादी की थी। मंत्री ने कहा कि वानखेड़े ने सोचा कि उनकी पहली पत्नी उनके खिलाफ बोल सकती है इसलिए उन्होंने मादक पदार्थ बेचने वाले एक व्यक्ति के जरिए ड्रग्स रखवाया और उसके (पहली पत्नी) रिश्तेदार को राज्य पुलिस के नारकोटिक्सरोधी प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार करवा दिया।
 
मलिक ने कहा कि उनकी पहली पत्नी को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने वानखेड़े के खिलाफ बोला तो पूरे परिवार को मादक पदार्थ बेचने के अपराध में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पिछले महीने एक क्रूज पर एनसीबी के छापा पड़ने के बाद से मलिक वानखेड़े पर हमला बोलते रहे हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

धामी ने की योगी से मुलाकात, दोनों राज्यों की संपत्तियों के बंटवारे के मामले फिर आए चर्चा में