भुवनेश्वर। ओडिशा (Odisha) के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने 2019 में अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की पुरी के स्वर्गद्वार में स्थित समाधि को हटाने का आदेश दिया था ताकि श्मशान में अधिक जगह बनाई जा सके और तीर्थ नगरी में सौंदर्यीकरण अभियान चलाया जा सके।
नवीन पटनायक के निजी सचिव वीके पांडियन ने मंगलवार को दुबई में ओडिया प्रवासियों को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। वे 13 साल से मुख्यमंत्री के साथ हैं। उन्होंने कहा कि अब वहां स्वर्गद्वार में समाधि के स्थान पर सिर्फ एक पट्टिका है जिस पर बीजू बाबू का नाम लिखा है।”
बहुत से हिन्दू स्वर्गद्वार में अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं क्योंकि उनका मानना है कि वहां अंतिम संस्कार करने पर मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
बीजू पटनायक का 17 अप्रैल 1997 को निधन होने के बाद स्थानीय नगर निकाय ने स्वर्गद्वार में उनकी समाधि बनाई थी। समाधि में श्मशान घाट का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल हो गया।
पांडियन ने कहा कि उन्होंने श्मशान घाट के सौंदर्यीकरण की योजना मुख्यमंत्री को दिखाई।
उन्होंने कहा कि (नवीन पटनायक ने) समाधि के कारण भूखण्ड का एक कोना अवरूद्ध देखने के बाद मुख्यमंत्री ने उसे (समाधि को) हटाने का निर्णय लिया। पटनायक परिवार के अन्य सदस्यों ने भी यही राय साझा की।
पांडियन के मुताबिक पटनायक ने कहा कि उनके पिता लोगों के दिल में रहते हैं, पत्थर में नहीं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लोगों के हंगामे से बचने के लिए सुबह में समाधि को हटाने का आदेश दिया था। भाषा Edited By : Sudhir Sharma