भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष की गुंडागर्दी, टोलकर्मियों के साथ जमकर हुई मारपीट

कीर्ति राजेश चौरसिया
शुक्रवार, 5 अक्टूबर 2018 (22:34 IST)
शिवपुरी। जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर स्थित पूरनखेड़ी टोल प्लाजा पर उस समय हंगामा खड़ा हो गया, जब यहां से गुजर रही भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की कार को टोलकर्मियों ने टोल चुकाने के लिए रोक लिया। सीसीटीवी में कैद इस घटना में चौहान और उनके साथ के लोगों ने टोलकर्मियों के साथ जमकर मारपीट की। मारपीट के वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो गए हैं।
 
 
बताया जाता है कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष के साथ गाड़ियों का काफिला था और इस काफिले को टोलकर्मियों ने न सिर्फ रोका बल्कि इन्हें टोल चुकाने के लिए नसीहत भी दे डाली। इसी बात को लेकर टोलकर्मियों और भाजपा नेताओं के बीच विवाद हुआ। टोल प्लाजा पर यह विवाद देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गया और स्थिति यह बनी कि पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व उनके साथ मौजूद भाजपाइयों एवं सुरक्षा गार्डों ने टोल प्लाजा पर पदस्थ कर्मचारियों के साथ जमकर मारपीट कर डाली।
 
इस मामले में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और भाजपाइयों ने सत्ता के मद में चूर होकर टोल प्लाजा पर जमकर हंगामा करते हुए रौब झाड़ा। यह घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हुई है जिसमें प्रदेशाध्यक्ष खुद व उनके साथ मौजूद लोग टोलकर्मी के साथ जमकर मारपीट कर रहे हैं।
 
जो वीडियो सामने आया है, उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि मारपीट शुरू होने के बाद टोल कर्मचारी नंदकुमार चौहान के हाथ-पैर जोड़कर उनसे माफी मांग रहे हैं लेकिन टोलकर्मियों के निवेदन का सत्ता के मद में चूर नंदकुमार चौहान पर कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने निवेदन कर रहे टोलकर्मियों की कोई भी बात न सुनते हुए मारपीट शुरू कर दी। हालांकि इस मामले की किसी भी तरह की कोई भी पुलिस शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है।
 
उल्लेखनीय है कि इसी 9 अक्टूबर को शिवपुरी में होने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे की व्यवस्थाओं का जायजा लेने एवं पार्टी पदाधिकारियों की बैठक लेने के लिए पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और सांसद नंदकुमार सिंह चौहान शिवपुरी आए हुए थे। मारपीट के इस मामले में टोल प्रबंधन का कहना है कि उनके 2 कर्मचारी घायल हुए हैं।
 
हालांकि एकाएक घटित हुई इस घटना से टोल पर मौजूद सभी कर्मचारी इतने भयभीत हो गए कि वे घटना को अंजाम देने वाले लोगों की पहचान जानने के बाद भी उनका नाम तक लेने का साहस नहीं जुटा पाए।

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