-लेषणी मेहरा
भारत के केंद्र में मौजूद नागपुर शहर तेजी से भविष्य के लिए तैयार हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार संतरा नगरी कहलाने वाला नागपुर दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला पांचवां शहर होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बड़े निवेश होने के कारण शहर में तेजी आर्थिक विकास हो रहा है, जो यहां के 30 लाख नागरिकों की जीवनशैली को बदल देगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अगस्त 2014 में नागपुर मेट्रो का शिलान्यास किया और नागपुर मेट्रो का काम जून 2015 में शुरू हुआ था। नागपुर मेट्रो की 27 महीने में ही ट्रायल शुरू हो गई थी। यह भारत का पहला मल्टीलेयर्ड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम होगा। नागपुर मेट्रो की कुल 38 किलोमीटर लंबाई शामिल है। नागपुर मेट्रो के दो कॉरिडोर में 38 स्टेशन, दो डिपो होंगे। हर ट्रेन में स्पेशल 'नारी शक्ति' वुमेन कोच भी होगा।
नागपुर मेट्रो की खास बात यह है कि मेट्रो के स्टेशन किसी कलाकृति जैसे हैं और इसका डिजाइन अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिजाइनरों ने तैयार किया है। सीताबर्डी इंटरचेंज स्टेशन पर एक विशाल इमारत बन रही है, जो इस शहर को आधुनिक पहचान देगी। 40 मीटर ऊंची इमारत में 14 मीटर ऊंचे 'क्राउन ऑफ़ नागपुर' यानी नागपुर के ताज को स्थापित किया जाएगा।
नागपुर मेट्रो की एक और खासियत यह है कि जीरो माइल स्टेशन पर 20 मंज़िला बिल्डिंग होगी और भारत में पहली बार पांचवी मंज़िल पर मेट्रो प्लेटफार्म होगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने फोर लेयर्ड ट्रांसपोर्टेशन के कंस्ट्रक्शन की मंजूरी दी है।
इसके अलावा महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (महामेट्रो) द्वारा कैम्पटी रोड पर फ्लाईओवर और मेट्रो मार्ग के निर्माण के लिए 573 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सीताबर्डी पर इंटरचेंज स्टेशन है, जहां से यात्री ऑरेंज लाइन और ब्लू लाइन मेट्रो के लिए मेट्रो ट्रेन चेंज कर सकते हैं। नागपुर में यूं तो 3 लेयर्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम है, लेकिन केवल सीताबर्डी से ऑटोमोटिव स्क्वायर तक नागपुर मेट्रो का 4 लेयर्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम बन रहा है।
खास बात यह है कि नागपुर के विकास के लिए महा-मेट्रो का बहुत बड़ा योगदान रहेगा, जो नागपुर के रहवासियों की जीवनशैली को बदले देगा।