मुंबई। महानगर में भारी बारिश के चलते दफ्तरों में फंसे लोग बुधवार को सुबह होते ही अपने घरों को पहुंचने के लिए उपनगरीय रेल स्टेशनों के लिए रवाना हुए। बारिश के चलते दफ्तर रातभर अस्थायी आवास बने रहे।
मूसलधार बारिश के बाद उपनगरीय ट्रेन सेवाएं शुरू होने के थोड़ी ही देर में चर्चगेट और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर वैसी ही भीड़ दिखाई देने लगी जैसी कि शाम को कार्यालयों की छुट्टी होने पर दिखाई देती है। लेकिन इस दौरान यात्रा का रुख उल्टा दिखा, क्योंकि सुबह के समय यह भीड़ दफ्तर जाने वालों की नहीं, बल्कि दफ्तरों से लौटने वालों की थी जिन्हें बारिश के चलते रातभर अपने कार्यालयों में ही रुकना पड़ा।
भारी बारिश के बाद बीती रात इसमें कमी आने पर इन स्टेशनों पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा जिससे कि वे घर जाकर आराम कर सकें। राज्य प्रशासन ने कार्यालयों में अनौपचारिक अवकाश घोषित कर दिया है।
बारिश के चलते कार्यस्थल दफ्तरों में काम करने वालों के लिए आवास स्थल में तब्दील हो गए। लगभग सभी कार्यालयों, खासकर दक्षिण मुंबई इलाके में राज्य संचालित संस्थानों में कर्मचारी रातभर रुके रहे।
रेलवे स्टेशनों पर पहुंचे लोगों ने बताया कि घर से दूर कार्यालयों में बीती रात के चलते उनके शरीर में दर्द है। पश्चिमी रेल सेवा सीमित रूप से जारी थी, लेकिन मध्य रेलवे की दोनों लाइनों- मुख्य लाइन और हार्बर लाइन पर सुबह 7 बजकर 26 मिनट तक यथास्थिति रही, जब सीएसएमटी से कल्याण के लिए पहली ट्रेन रवाना हुई।
रेल यातायात के सुचारु होने के बारे में कोई सूचना न होने के चलते लोगों में निराशा और चिंता देखी गई। कुछ महिला यात्री छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) पर स्टेशन मास्टर के कार्यालय में घुस गईं।
राजकीय रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सीएसएमटी सहित विभिन्न स्टेशनों पर लोग स्टेशन मास्टरों के दफ्तरों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं और ट्रेन सेवाएं जल्द से जल्द सुचारु करने के लिए कह रहे हैं। सैकड़ों लोगों को पीछे धकेल दिया गया और स्टेशन प्रबंधक के कार्यालय की घेराबंदी कर दी गई। नगर चौक उपक्षेत्र में लोग हर गुजरते वाहन को लिफ्ट के लिए इशारा करते देखे गए। (भाषा)