मुंबई। मुंबई के चरनी रोड के पास ठाकुरद्वार में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। उन्होंने यह पत्र 21 दिसंबर 2017 को लिखा था। 79 वर्षीय इरावती लवाटे और उनके 87 वर्षीय पति नारायण लवाटे (87) ने इसलिए यह मांग की है क्योंकि उनको डर है कि वे समाज में योगदान देने में सक्षम नहीं हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इरावती लवाटे और उनके पति नारायण लवाटे को किसी तरह की शारीरिक परेशानी नहीं है। इतना ही नहीं, इरावती स्कूल प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं, जबकि नारायण पूर्व सरकारी कर्मचारी हैं। इरावती ने कहा कि शादी के पहले साल में हम दोनों ने बच्चा नहीं करने का फैसला लिया, लेकिन बुजुर्ग अवस्था में हम लोग नहीं चाहते कि कोई दूसरा हमारी जवाबदेही ले।
दंपति ने अपने पत्र में लिखा है कि बीमारी के कारण शरीर का काम नहीं कर पाने की वजह से वे समाज के लिए अपना कोई योगदान नहीं कर सकेंगे, जिसकी वजह से वे राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं। विदित हो कि इच्छामृत्यु में आम तौर पर पेन किलर का ओवरडोज दिया जाता है, जिससे की व्यक्ति की मौत हो जाए, लेकिन भारतीय कानून में इच्छा मृत्यु का कोई प्रावधान नहीं है।
86 वर्षीय नारायण लवाते, जो 1989 में ही राज्य परिवहन निगम की सेवा से रिटायर हो चुके हैं, ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि हम लोग निःसंतान हैं, किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित भी नहीं हैं। फिर भी अब हमारे जीने का कोई मतलब नहीं है। इरावती का कहना है कि बुजुर्ग अवस्था में हम लोग नहीं चाहते कि कोई दूसरा हमारी जवाबदेही ले।