नई दिल्ली। गुजरात में 3 माह के भीतर रेलवे के आमान परिवर्तन की योजना बनकर तैयार हो जाएगी। उसके बाद शीघ्र ही राज्य में सभी मीटरगेज लाइनों को ब्रॉडगेज लाइनों में बदलने का काम आरंभ हो जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अक्टूबर के पहले करीब 725 किलोमीटर के 16 मीटरगेज रेलखंडों को ब्रॉडगेज में बदलने की विस्तृत कार्ययोजना बनाने का काम पूरा हो जाएगा। इस पर कुल 5,295 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। गुजरात के इन 16 रेलखंडों को ब्रॉडगेज में बदलने के बाद पश्चिम रेलवे में मीटरगेज लाइनें लगभग समाप्त हो जाएंगी।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार ये लाइनें अहमदाबाद, भावनगर एवं वडोदरा मंडलों के अंतर्गत आती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में कुल 5,108 किलोमीटर रेल लाइन हैं जिनमें से अभी करीब 725 किलोमीटर लाइन मीटरगेज हैं।
इन लाइनों के आमान परिवर्तन को इस वर्ष के बजट में मंजूरी दी गई है। सूत्रों के अनुसार अनेक स्थानों पर मीटरगेज लाइन होने के कारण पर्याप्त रेल यातायात नहीं है और बहुत-सी लाइनों पर रोलिंग स्टॉक (कोच एवं इंजन) की कमी के कारण यातायात एकदम बंद है और रेलमार्ग अतिक्रमण का शिकार हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि सौराष्ट्र एवं काठियावाड़ क्षेत्र में लोगों को क्षेत्रीय परिवहन के साधन के रूप में रेलवे का पर्याप्त लाभ नहीं मिला है। ब्रॉडगेज लाइन बनने से मालवहन और यात्री परिवहन दोनों में बढ़ोतरी होगी।
चूंकि सरकार मीटरगेज लाइनों को बंद करने का निर्णय ले चुकी है इसलिए इस गेज के इंजन एवं कोच बनाना भी बंद कर चुकी है। जैसे-जैसे पुराने मीटरगेज कोच एवं इंजन खराब होते जा रहे हैं, उन्हें चलन से बाहर किया जा रहा है। इस कारण से कुछ मीटरगेज रेलमार्ग सूने पड़े हैं और उन पर रेल यातायात बंद है। ऐसे मार्गों पर अतिक्रमण भी हो चुका है।
सूत्रों का कहना है कि बोटाड से साबरमती-कालोल कोडियार के बीच मीटरगेज लाइन के ब्रॉडगेज बनने से भावनगर और अहमदाबाद के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी और लोगों को महंगी बसों की जगह ट्रेन से सस्ती यात्रा करने का अवसर मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार समूचे गुजरात में ब्रॉडगेज रेलवे लाइन बनने से बंदरगाहों को रेल लिंक से जोड़ने वाली सागरमाला परियोजना को भी पंख लगेंगे। इसका परिणाम होगा कि पश्चिम रेलवे की आमदनी बढ़ेगी। (वार्ता)