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ट्‍विटर के योद्धा जेल में भिड़े, महबूबा-उमर में लड़ाई के बाद किया अलग-अलग बंद

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सुरेश डुग्गर

, सोमवार, 12 अगस्त 2019 (18:14 IST)
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों (उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती को) ट्विटर का योद्धा कहा जाता है। वे अक्सर ट्विटर पर लड़ा करते थे और जब धारा 370 हटाने की कवायद आरंभ हुई तो 1 दिन पहले ही दोनों को नजरबंद कर दिया गया और फिर अस्थायी जेलों में बंद कर दिया गया। पर ये दोनों योद्धा इस अस्थायी जेल में भी युद्ध किए बगैर नहीं रह सके जिस कारण अधिकारियों को उन्हें अलग-अलग अस्थायी जेलों में शिफ्ट कर देना पड़ा।
 
दरअसल, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में एकसाथ रखे गए उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच झगड़ा इतना बढ़ गया कि दोनों को अलग करके रखना पड़ा। अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को धारा 370 हटाए जाने के बाद पिछले हफ्ते राज्य में शांति भंग की आशंका को देखते हुए हरिनिवास महल में हिरासत में रखा गया था। अधिकारियों ने बताया है कि इस दौरान दोनों के बीच विवाद इतना अधिक बढ़ गया कि उन्हें अलग करना पड़ा। दरअसल, दोनों एक-दूसरे पर राज्य में भारतीय जनता पार्टी को लाने का आरोप मढ़ रहे थे।
 
अधिकारियों ने बताया कि एक-दूसरे के धुर विरोधी उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को धारा 370 हटाए जाने के बाद राज्य में शांति भंग की आशंका को देखते हुए पिछले हफ्ते हरिनिवास महल में हिरासत में रखा गया था। अधिकारियों ने बताया कि दोनों के बीच विवाद बढ़ने पर यह फैसला किया गया कि दोनों को अलग रखा जाए।
 
उमर को महादेव पहाड़ी के पास चश्माशाही में वन विभाग के भवन में रखा गया है जबकि महबूबा हरिनिवास महल में ही हैं। झगड़े से पहले उमर हरिनिवास के ग्राउंड फ्लोर पर थे और महबूबा पहली मंजिल पर। जानकारी के लिए हरिनिवास महल आतंकवादियों से पूछताछ के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जगह के रूप में जाना जाता है।
 
अधिकारियों ने बताया कि दोनों नेताओं को जेल के नियमों और उनके ओहदों के हिसाब से खाना दिया जा रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि महबूबा ने ब्राउन ब्रेड खाने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उन्हें वह दी नहीं जा सकी, क्योंकि जेल के मैन्यू में हिरासत में लिए गए वीवीआईपी लोगों के लिए ऐसा कुछ नहीं है।
 
उन्होंने बताया कि एक बार उमर महबूबा पर चिल्ला पड़े और उन पर और उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद पर भारतीय जनता पार्टी से 2015 और 2018 में गठबंधन करने के लिए ताना जड़ दिया। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच जमकर कहासुनी हुई जिसे वहां मौजूद स्टाफ ने भी सुना। पीडीपी चीफ महबूबा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर को जमकर जवाब दिए।
 
महबूबा ने उमर को याद दिलाया कि फारुक अब्दुल्ला का गठबंधन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भाजपा के साथ था। एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने जोर से उमर से कहा कि आप तो वाजपेयी सरकार में विदेश मामलों के जूनियर मिनिस्टर थे। महबूबा ने उमर के दादा शेख अब्दुल्ला को भी 1947 में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया।

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