औरंगाबाद/पुणे। मराठा आरक्षण के समर्थन में एक और व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली। इस बीच आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा जारी है और यह नए स्थानों को अपनी चपेट में ले रही है। पुणे के चाकन में हिंसा के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। पुणे जिला कलेक्टर नवलकिशोर राम ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर 4 लोगों के एकसाथ एकत्र होने पर रोक रहेगी।
कुछ मराठा संगठनों ने चाकन इलाके में सोमवार को बंद का आह्वान किया था और रैली आयोजित की गई थी। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है। राज्य की जनसंख्या में इनकी तकरीबन 30 फीसदी आबादी है। आंदोलन के बीच विपक्षी दल कांग्रेस ने सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.विद्यासागर राव से मांग की कि वे देवेन्द्र फडणवीस सरकार को तत्काल आरक्षण के मुद्दे पर निर्णय लेने के निर्देश दें।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुणे से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर आद्यौगिक नगरी चाकन में मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और 25 से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया जबकि 80 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ की। अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के पथराव में कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने बताया कि त्वरित प्रतिक्रिया दल को हिंसा प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है। जिला कलेक्टर ने हिंसा की रोकथाम के लिए धारा 144 लागू की है।
इस बीच मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक युवक ने औरंगाबाद में चलती ट्रेन के सामने छलांग लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। मुकुंदवाड़ी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक नाथा जाधव ने बताया कि प्रमोद जयसिंह होरे (35) ने रविवार को फेसबुक और व्हॉट्सएप पर लिखा था कि वह आरक्षण की मांग के समर्थन में अपनी जान दे देगा। उसने रविवार रात यहां मुकुंदवाड़ी क्षेत्र में चलती ट्रेन के सामने कथित रूप से छलांग लगा दी। पिछले एक हफ्ते में मराठा आरक्षण को लेकर यह चौथी मौत है।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार जयसिंह ने फेसबुक पर लिखा था कि आज एक मराठा छोड़कर जा रहा है, लेकिन मराठा आरक्षण के लिए कुछ कीजिए। जयसिंह ने यह संदेश मराठी में लिखा। महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी में जुटे जयसिंह ने एक अन्य संदेश में लिखा था कि मराठा आरक्षण एक जान लेगा। उसके कई दोस्तों ने उससे ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया लेकिन उसने किसी की भी नहीं सुनी।
जयसिंह का शव सोमवार सुबह रेल पटरी पर मिला। उसकी खुदकुशी की खबर सुनकर बड़ी संख्या में लोग उसके घर के बाहर इकट्ठा हो गए। उसके परिजन ने कहा कि वे तब तक अर्थी नहीं उठाएंगे, जब तक कि राज्य सरकार आरक्षण के मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है।
जाधव के मुताबिक जयसिंह मुकुंदवाड़ी में एक दुकान चलाता था और उसकी पत्नी ग्रामसेविका थी। इससे पहले पिछले हफ्ते 2 लोग आरक्षण की मांग को लेकर आत्महत्या कर चुके हैं जबकि 1 की जान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में गई, वहीं आरक्षण समर्थक कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए जालना रोड जाम कर दिया।
इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण के नेतृत्व में सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मुलाकात की। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से सरकार को मराठा आंदोलन के दौरान 'निर्दोष' लोगों पर दर्ज किए गए मुकदमे तुरंत वापस लेने का निर्देश देने की मांग की।
राज्यपाल को सौंपे एक ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि अगर आरक्षण के मामले में राज्य सरकार तत्काल फैसला नहीं लेती है, तो राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का दोष राज्य सरकार को दिया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया कि इस मामले में सरकार टाल-मटोल का रवैया अपना रही है।