बाराबंकी/लखनऊ (उप्र)। बाराबंकी जिले के रामनगर क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। ट्रामा सेंटर में अब शराब पीने से बीमार 33 लोग भर्ती हैं, जिसमें से दो की हालत गंभीर है।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अजय साहनी ने बताया कि रामनगर थाना क्षेत्र के रानीगंज गांव और उसके आसपास के इलाकों में कई लोगों ने सोमवार/मंगलवार की दरमियानी रात को शराब पी थी, जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। उनमें से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 4 एक ही परिवार के हैं।
उन्होंने बताया कि शराब पीने से बीमार 33 अन्य लोगों को लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय अस्पताल समेत विभिन्न चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
साहनी ने बताया कि मृतकों में विनय प्रताप उर्फ राजू सिंह (30), राजेश (35), रमेश कुमार (35), सोनू (25), मुकेश (28), छोटेलाल (60), सूर्य बक्श, राजेन्द्र वर्मा, शिवकुमार (38), महेंद्र, राम सहारे (20), रामस्वरूप (50), विनय शंकर (35) तथा महेश सिंह (45) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दु:ख जताते हुए मरने वाले लोगों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता का ऐलान किया है। इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी, 9 आबकारी कर्मियों और 2 पुलिस अफसरों को निलम्बित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखनऊ में बताया कि प्रकरण की जांच के लिए अयोध्या के मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और आबकारी विभाग के आयुक्त की टीम बनाई गई है, जो विभिन्न पहलुओं की जांच करके 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय टीम अन्य पहलुओं के अलावा इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक साजिश तो नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले भी हापुड़ और आजमगढ़ में हुई ऐसी घटनाओं में राजनीतिक साजिश सामने आई है, लिहाजा जांच के दायरे में इस बिंदु को भी लाया गया है।
सिंह ने कहा कि इस मामले में जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दुबे, हलक़ा आबकारी निरीक्षक राम तीरथ मौर्य, 3 आबकारी हेड कांस्टेबल और 5 सिपाहियों के साथ-साथ रामनगर के पुलिस क्षेत्राधिकारी पवन गौतम और थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह को भी निलम्बित कर दिया गया है।
इस बीच, प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यह घटना बेहद गंभीर है क्योंकि जिस शराब को पीने से लोगों की मौत हुई वह आबकारी विभाग के पंजीकृत विक्रेता के यहां से ली गई थी और उसमें संभवतः पहले से मिलावट की गई थी।
आबकारी विभाग समय-समय पर पंजीकृत विक्रेताओं के यहां जांच करवाता रहता है ताकि शराब में किसी भी तरह की मिलावट ना होने पाए। ऐसे में यह मामला बेहद गंभीर है।