Maratha reservation : मराठा समुदाय के लोगों के सभी रक्त संबंधियों को कुनबी के रूप में मान्यता देने संबंधी मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग को लेकर मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे शनिवार को एक बार फिर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए।
जरांगे ने कुनबी को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए कानून बनाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें स्वीकार नहीं की गईं तो वह आगामी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सभी 288 सीट पर उम्मीदवार उतारेंगे।
जरांगे ने महाराष्ट्र के जालना जिले की अंबड़ तहसील में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में सुबह करीब 10.30 बजे आंदोलन शुरू किया, जबकि जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने इसके लिए अनुमति देने से इनकार किया था।
वह मराठों के लिए अन्य पिछड़ा समुदाय (ओबीसी) का दर्जा और पात्र कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को प्रमाणपत्र जारी करने के लिए राज्य सरकार द्वारा इस साल की शुरुआत में जारी मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं। कुनबी एक कृषि समूह है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है।
जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किए जाएं ताकि वे आरक्षण के लाभ के लिए पात्र बन सकें। जरांगे ने कहा कि जब तक मराठा आरक्षण नहीं मिल जाता तबतक मैं हार नहीं मानूंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर ध्यान देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि अगर मराठा आरक्षण की मांग पूरी नहीं हुई तो मैं आगामी विधानसभा चुनावों में राज्य के सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों से विभिन्न समुदायों के उम्मीदवारों को मैदान में उतारूंगा।
मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस पर मराठा आरक्षण प्रक्रिया में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए जरांगे ने कहा कि फडणवीस ने मराठा समुदाय के खिलाफ साजिश रची। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta