अगरतला। भाजपा ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए राज्यसभा सदस्य माणिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री बनाया है। वह बिप्लब कुमार देब की जगह लेंगे जिन्होंने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। देब के राज्यपाल एसएन आर्य को अपना इस्तीफा सौंपे जाने के तुरंत बाद भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष साहा को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया।
देब ने बैठक में जैसे ही 69 वर्षीय साहा के नाम का प्रस्ताव रखा, मंत्री राम प्रसाद पॉल ने इसका विरोध किया जिससे विधायकों के बीच धक्कामुक्की हुई। सूत्रों ने कहा कि पॉल ने कुछ कुर्सियों को भी तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि पॉल चाहते थे कि त्रिपुरा के पूर्ववर्ती राजपरिवार के सदस्य जिष्णु देव वर्मा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया जाए। भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े विधायक दल के नेता के चुनाव के पर्यवेक्षक थे।
साहा ने खुद को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि मैं पार्टी का एक आम कार्यकर्ता हूं और आगे भी रहूंगा। 50 वर्षीय देब ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के एक दिन बाद मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
देब ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि पार्टी सबसे ऊपर है। मैं भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। मुझे लगता है कि जो जिम्मेदारी दी गई, उसके साथ मैंने न्याय किया फिर चाहे राज्य भाजपा इकाई के अध्यक्ष का पद हो या त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी। मैंने त्रिपुरा के संपूर्ण विकास के लिए कार्य किया और सुनिश्चित किया कि राज्य के लोगों के लिए शांति हो।
उन्होंने पार्टी द्वारा उन्हें संगठनात्मक दायित्व सौंपे जाने के फैसले की व्याख्या करते हुए कहा कि वर्ष 2023 में चुनाव आ रहा है और पार्टी चाहती है कि जिम्मेदार संयोजक यहां प्रभार संभाले। सरकार तभी बन सकती है जब संगठन मजबूत हो। पूर्वोत्तर राज्य में 2018 में वाम मोर्चे के 25 साल के शासन को समाप्त कर भाजपा के सत्ता में आने के बाद देब को मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था।
बधाई के लिए ट्वीट : देब ने ट्वीट किया कि डॉ. माणिक साहा को विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और नेतृत्व में त्रिपुरा समृद्ध होगा।