भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल भीषण गर्मी के बाद उपजे जलसंकट को लेकर सरकार अब भविष्य को लेकर गंभीर हो गई है। कमलनाथ सरकार एक ओर प्रदेश में सबको पानी देने के लिए राइट टू वॉटर एक्ट बनाने जा रही है तो दूसरी ओर नई पीढ़ी को पानी का महत्व समझाने के लिए अब पानी के पाठ को स्कूल और कॉलेजों के सिलेबस में शामिल करेगी।
भोपाल में राइट टू वॉटर एक्ट बनाने के लिए हुई पहली कार्यशाला में देशभर से आए जल विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा करके सरकार ने यह बड़ा फैसला किया है। सरकार अब बच्चों को पानी बचाने और उसकी अहमियत समझाने के लिए पानी के पाठ को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल करेगी।
पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा कि पानी बचाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है इसलिए सरकार ने फैसला किया हैं कि प्राथमिक, माध्यमिक और हायर एजुकेशन के सिलेबस में पानी के संरक्षण और उसके महत्व के पाठ को शामिल करेंगे। सुखदेव पांसे के मुताबिक जब बच्चे पानी के संरक्षण के अहमियत समझेंगे तभी तो वह भविष्य के लिए पानी बचाएंगे, वहीं सेमिनार में शामिल हुए वॉटरमैन राजेंद्र सिंह ने कहा राइट टू वॉटर एक तरह से हमारे जीवन के अधिकार से जुड़ा है जिसकी बात संविधान के अनुच्छेद 21 में कही गई है।
राजेंद्र सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने सही वक्त पर इस कानून को बनाने का फैसला किया है और उनकी लोगों को सलाह है कि इस कानून को पालन करने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आना चाहिए।