भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जो संविदा कर्मचारी बीजेपी के लिए मुसीबत का सबब बन गए थे, वही अब लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं।
चुनाव से ठीक पहले जहां संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल कर चुके हैं, वहीं अब अतिथि शिक्षकों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अतिथि शिक्षकों की मांग है कि उनको लोकसभा चुनाव से पहले सहायक शिक्षक बनाए जाए।
वेबदुनिया से बात करते हुए सयुंक्त अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजू मीणा कहते हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने सरकार बनने पर अतिथि शिक्षकों को तीन महीने में नियमित करने का वचन अपने वचन पत्र में दिया था। इसके बाद अतिथि शिक्षकों ने चुनाव में कांग्रेस का समर्थन करने का एलान किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद सरकार ने अतिथि शिक्षकों की मांग को अब तक पूरा नहीं किया है।
दूसरी ओर कमलनाथ सरकार ने संविदा कर्मचारियों की मांग को पूरा करने के लिए जिस छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, उस पर भी अतिथि शिक्षक सवाल उठा रहे हैं। भोपाल में शहाजहांनी पार्क में अतिथि शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार आदेश जारी करके उनके पद को स्थायी करते हुए उनके कार्यकाल 12 महीने का मानते हुए वेतन दे।
अतिथि शिक्षकों का दावा है कि प्रदेश में नब्बे हजार से अधिक अतिथि शिक्षक हैं और अगर सरकार ने चुनाव से पहले उनकी मांग नहीं पूरी की तो इसका खामियाजा कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।