मुंबई। पिछले 10 दिनों से सुजय अस्पताल, जुहू में भर्ती महान संगीतकार ख़य्याम साहब अब हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार रात 9.30 बजे उन्होंने 92 साल की उम्र में अपनी आंखें हमेशा-हमेशा के लिए मूंद लीं। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर तक दु:खी हैं। लताजी और ख़य्याम साहब का रिश्ता भाई-बहन जैसा था। लताजी ने अपना दु:ख सोशल मीडिया के जरिए जो व्यक्त किया, वह कुछ इस तरह से है...
उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'महान संगीतकार और बहुत नेकदिल इंसान ख़य्याम साहब आज हमारे बीच नहीं रहे, यह सुनकर मुझे इतना दु:ख हुआ है, जो मैं बयान नहीं कर सकती। ख़य्याम साहब के साथ संगीत का एक युग का अंत हुआ है। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।'
लताजी आगे लिखती हैं- 'ख़य्याम साहब मुझे अपनी छोटी बहन मानते थे। वो मेरे लिए अपनी पसंद के खास गाने बनाते थे। उनके साथ काम करते वक्त बहुत अच्छा लगता था और थोड़ा डर भी लगता था, क्योंकि वो बड़े परफेक्शनिस्ट थे। उनकी शायरी की समझ बहुत कमाल की थी।'
वे लिखती हैं- 'इसलिए मीर तौकी मीर जैसे महान शायर की शायरी उनको फिल्मों में लाई। दिखाई दिए यूं... जैसी खूबसूरत गजल हो या अपने आप रातों में जैसे गीत, ख़य्याम साहब का संगीत हमेशा दिल को छू जाता है। 'राग पहाड़ी' उनका पसंदीदा राग था।'
लताजी ट्विटर पर लिखती हैं- 'आज ना जाने कितनी बातें याद आ रही हैं। वो गाने, वो रिकॉर्डिंग्स याद आती हैं। ऐसा संगीतकार शायद फिर कभी नहीं होगा। मैं उनको और उनके संगीत को वंदन करती हूं।'