Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

पत्नी की दूसरी महिलाओं से तुलना करना मानसिक क्रूरता : केरल उच्च न्यायालय

हमें फॉलो करें पत्नी की दूसरी महिलाओं से तुलना करना मानसिक क्रूरता : केरल उच्च न्यायालय
, बुधवार, 17 अगस्त 2022 (17:41 IST)
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि पत्नी की दूसरी महिलाओं से तुलना करना और उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने जैसे ताने कसना पति द्वारा मानसिक क्रूरता के समान है और महिला से यह उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह ऐसे आचरण को बर्दाश्त करेगी।
 
उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति की अपील पर यह टिप्पणी की है। व्यक्ति एवं महिला करीब 13 साल से अलग रह रहे थे तथा एक परिवार अदालत ने उनकी शादी को खत्म करने का आदेश दिया था। व्यक्ति ने उस आदेश को चुनौती देते हुए अपील की थी।
 
परिवार अदालत ने दोनों के बीच यौन संबंध नहीं होने के आधार पर शादी को खत्म कर दिया था जबकि उच्च न्यायालय ने इसमें संशोधन किया और तलाक अधिनियम 1869 के तहत पति द्वारा मानसिक क्रूरता के आधार पर विवाह को खत्म कर दिया।
 
पीठ ने कहा, प्रतिवादी/ पति बार-बार ताने कसता था कि याचिकाकर्ता उसकी उम्मीदों पर खरी उतरने वाली पत्नी नहीं है और वह अन्य महिलाओं से उसकी तुलना आदि करता था जो निश्चित रूप से मानसिक क्रूरता है और पत्नी से उम्मीद नहीं की जा सकती है कि वह इसे सहन करेगी।
 
उच्च न्यायालय ने विभिन्न दलीलों, पत्नी और उसकी मां की गवाही तथा पति द्वारा महिला को भेजे गए एक ई-मेल के आधार पर अपना फैसला दिया। ई-मेल में पति ने जीवनसाथी के लिए अपनी अपेक्षाओं को व्यक्त किया है और महिला को बताया कि उसे रिश्ते में कैसा आचरण करना चाहिए।
 
पीठ ने यह भी कहा कि दोनों की शादी जनवरी 2009 में हुई थी और वे बहुत कम वक्त साथ में रहे और 2009 के नवंबर में ही शादी को खत्म करने के लिए उन्होंने याचिका दायर कर दी।
 
उच्च न्यायालय ने कहा कि रिकॉर्ड पर लाई गई सामग्री से पता चलता है कि वे मुश्किल से एक महीना भी साथ नहीं रहे तथा उनकी शादी नाम की थी।(भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या रोहिंग्या शरणार्थियों को EWS फ्लैट्स में शिफ्ट कर रही मोदी सरकार? गृह मंत्रालय ने बताया सच