कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने मीडिया में अक्सर सामने आ रही पशुओं के प्रति क्रूरता की घटनाओं को डरावनी करार दिया और कहा कि राज्य को इस परेशानी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए।
न्यायमूर्ति एके जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति गोपीनाथ पी की पीठ ने हाल में एक कुत्ते की नृशंस हत्या का स्वत: संज्ञान लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। तिरुवनंतपुरम के बाहरी इलाके आदिमलथुरा तट पर बांधे गए ब्रूनो नामक एक कुत्ते को कुछ लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला था।
पीठ ने निर्देश दिया कि असहाय कुत्ता, जो मानवीय क्रूरता के कारण अपनी जान गंवा बैठा, के प्रति श्रद्धांजलि के तौर पर इस मामले को इन रि:ब्रूनो से पुकारा जाए।
अदालत ने कहा कि उसने पशुओं के प्रति क्रूरता की सामने आई घटनाओं पर राज्य की कार्रवाई की निगरानी करने तथा पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का जायजा लेने के लिए जनहित याचिका की सुनवाई शुरू की है।
पीठ ने कहा कि पिछले दो साल में मीडिया में सामने आई पशु क्रूरता की घटनाएं अक्सर डरावनी रही हैं और हमारा मानना है कि राज्य को उनकी (पशुओं की) परेशानी को दूर करने के लिए ठोस कदम अब उठाना ही चाहिए।
अदालत ने इसी के साथ ही केंद्र, केरल सरकार, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड समेत विभिन्न संबंधित प्राधिकारों को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।