रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 14 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना होगी। इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से धाम पहुंचाने वाले हक-हकूक धारियों, देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों और तीर्थ पुरोहितों का कोरोना सैम्पल भी लिया गया है। इन सभी को वैक्सीन भी लगाई गई है।
आज चल विग्रह डोली के केदार प्रस्थान से पूर्व ओंकारेश्वर मंदिर में संपन्न हुई भैरवनाथ पूजा में भी सीमित पुजारियों, वेदपाठियों और देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी-कर्मचारियों को शामिल होने की अनुमति दी गई। इसमे उत्तराखंड सरकार की तरफ जारी की गई गाइडलाइन का पूरा ध्यान रखा गया।
तहसील प्रशासन ने भैरवनाथ पूजन व डोली के धाम रवाना करने के समय कुछ स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गई है। ऊखीमठ के उप जिलाधिकारी रविन्द्र वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ठीक 8 बजे शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रथ से रवाना होगी।
डोली के धाम रवाना होने से पूर्व सभी पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया जाएगा। ऊखीमठ से गौरीकुंड तक परम्परा के अनुसार सभी जगहों पर पूजा-अर्चना भोग लगाया जाएगा।
शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का उल्लंघन न हो, इसलिए कुछ स्थानों पर धारा 144 लागू कर दी गई है। इस कारण ओंकारेश्वर मंदिर में 50 मीटर व डोली के गुजरने वाले स्थानों पर 20 फुट क्षेत्र प्रतिबन्धित कर दिया गया है। केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य कर रहे अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए भी केदारनाथ मंदिर में प्रवेश वर्जित कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ मक्कूमठ में भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम रवाना होने से पूर्व तहसील प्रशासन, तीर्थ पुरोहित समाज, जनप्रतिनिधियों व हक-हकूक धारियों की बैठक हुई। मक्कूमठ से तुंगनाथ धाम डोली के साथ चलने वाले 30 अधिकारियों, कर्मचारियों, तीर्थ पुरोहित को अनुमति दी गई है।