दुष्कर्म के मामले पर कश्मीर में बवाल, हिंसा में दर्जनों सुरक्षाकर्मी जख्मी, कई इलाकों में कफर्यू

सुरेश डुग्गर
जम्मू। बच्ची से दुष्कर्म के मामले के खिलाफ कश्मीर में बवाल मचा हुआ है। हुर्रियत कांफ्रेंस के कश्मीर बंद के ऐलान के बीच सु़ंबल कांड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और सुरक्षा बलों के बीच पट्टन में हिंसक झड़पों में 47 सुरक्षाकर्मियों समेत 50 लोग जख्मी हो गए। एसएसबी की दूसरी वाहिनी के असिस्टेंट कमांडेंट भी इस दौरान घायल हो गए। उन्हें सिर में पत्थर लगने से गंभीर चोट आई है। कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
 
पुलिस ने एक बयान में कहा कि उपद्रवियों ने नटियाल राजमार्ग सहित मिर्जुंड, चैनबाला, हरथ्रथ, सिंघोरा, झेला पुल, कृपालपोरा पेनीन और हंजीवरा, जिला बारामूला के इलाकों में हिंसक प्रदर्शन किए और वहां तैनात सुरक्षा बलों पर पथराव किया। शांति बहाली की अपील के बाद भी बढ़ती इन हिंसक घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने सुंबल, पटृटन सहित कइ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है।
 
सुंबल दुष्कर्म कांड को लेकर पूरी वादी में शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच सोमवार को प्रशासन ने पूरे मामले की फास्ट ट्रैक जांच का यकीन दिलाते हुए लोगों से संयम और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। पुलिस ने भी आरोपित को नाबालिग बताने का तथाकथित फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने वाले स्कूल प्रिंसीपल को भी पूछताछ के लिए तलब किया है।
 
पिछले सप्ताह बांदीपोरा जिले में बच्ची से 20 वर्षीय युवक ताहिर मीर ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। आरोपित पुलिस हिरासत में है। मामले की जांच के लिए पुलिस ने विशेष जांच दल गठित किया है।
 
इस बीच स्वयंभू मजहबी संगठन द्वारा आरोपित को नाबालिग साबित करने के लिए जन्म तिथि का फर्जी दस्तावेज जारी करने पर लोग भड़क उठे। बांदीपोरा में सैकड़ों लोगों ने श्रीनगर-बांदीपोरा मार्ग पर धरना देकर यातायात रोक दिया।
 
राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बांडीपोरा जिले के सुंबल इलाके में 3 साल की बच्ची से बलात्कार को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए आईजीपी कश्मीर एसपी पाणि से बात की और मामले में चल रही जांच की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आईजीपी को मामले में तेजी से काम करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अपराधी को इस शर्मनाक कृत्य के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिले।
 
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 3 वर्षीय मासूम के साथ हुए दुष्कर्म की कड़े शब्दों में निंदा की है। पुलिस को दोषी को पूरी तरह चिन्हित करते हुए उसके खिलाफ एक ऐसा मामला बनाना चाहिए कि वे बच न सके।
 
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल ने कहा कि दुष्कर्म आरोपित को सजा-ए-मौत होनी चाहिए। आरोपित की उम्र पर उन्होंने कहा कि जहां तक उनको पता है कि आरोपित को नाबालिग बताने वाला प्रमाणपत्र फर्जी है। उसे वयस्क माना जाए और फांसी दी जाए।

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