अभ्रक क्षेत्र से बालश्रम व ट्रैफिकिंग रोकने के लिए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन ने शुरू किया ‘जनजागरूकता अभियान’
सप्ताह भर चलने वाली ‘रथयात्रा’ के माध्यम से सौ से अधिक गांवों में चलेगा जागरूकता कार्यक्रम
कोडरमा, 18 जुलाई ! झारखंड के अभ्रक खदान वाले क्षेत्रों में बालश्रम, बाल दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) रोकने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) व स्थानीय प्रशासन ने सोमवार को सप्ताहभर चलने वाले जनजागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान कोडरमा एवं गिरिडीह जिले में केएससीएफ, जिला बाल संरक्षण ईकाई, पुलिस विभाग व रेलवे सुरक्षा बल(आरपीएफ) के संयुक्त तत्वावधान में चलाया जा रहा है। इसमें पर्चा वितरण, नुक्कड़ नाटक, गीत, जनसभा व जनचौपाल जैसे कार्यकमों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
अभियान के लिए तैयार किए गए जनजागरूकता रथ को आज जिले के उप विकास आयुक्त श्री लोकेश मिश्रा, आरपीएफ से इंस्पेक्टर शिंपी कुमारी, इंस्पेक्टर जवाहर लाल, इंस्पेक्टर अंकुर कुमार, सभी थानों की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(एएचटीयू) के इंचार्ज व अन्य पुलिसकर्मी समेत बाल पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। रथ का नेतृत्व बाल मित्र ग्रामों की बाल पंचायत के बच्चे कर रहे हैं । इस मौके पर चार सौ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया और बालश्रम व ट्रैफिकिंग के खिलाफ नारे लगाते हुए जिला मुख्यालय तक मार्च भी निकाला। यात्रा के दौरान विवेकानंद अकादमी(कोडरमा) के बच्चों ने नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया।
इस अवसर पर उपविकास आयुक्त लोकेश मिश्रा ने कहा, बाल शोषण जैसे बाल विवाह, बालश्रम और ट्रैफिकिंग से बच्चों की सुरक्षा, कोडरमा जिला प्रशासन की प्राथनिकता है। केएससीएफ और बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) का जनजागरूकता फैलाने का यह प्रयास काफी सराहनीय है। बच्चों की सुरक्षा की दिशा में एंटी यह यात्रा मील का पत्थर साबित होगी। इस अभियान को प्रशासन की तरफ से हर संभव सहायता प्रदान किया जायेगा. "
बाल पंचायत सदस्य सरिता कुमारी और बाल विवाह के खिलाफ अभियान की ब्रांड एंबेस्डर राधा पांडे ने कहा, "हमारा लक्ष्य बालश्रम, बाल विवाह और ट्रैफिकिंग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है। लोगों को ये पता ही नहीं है कि बाल विवाह के नाम पर भी ट्रैफिकिंग होती है, हमारी बाल पंचायतें, बाल विवाह के आड़ में होने वाली ट्रैफिकिंग से सावधान रहने और दोषियों पर कार्यवाही के लिए लोगों को जागरूक करेंगी ।"
वहीं, आरपीएफ इंस्पेक्टर जवाहरलाल ने बताया कि "हम सब इस अभियान के साथ हैं। ट्रैफिकिंग रोकने के लिए RPF का बचपन बचाओ आंदोलन के साथ साझा कार्यक्रम बना है. हम सबके सामूहिक प्रयास से ही बच्चों के खिलाफ हो रहे इस अपराध को रोका जा सकता है।"
बीएमजी कार्यक्रम के मैनेजर गोविन्द खनाल ने कहा, "यह जनजागरूकता रथ पूरे सप्ताह कोडरमा व गिरिडीह जिलों के सभी प्रखंडों के गांवों, पंचायतों, ब्लॉक हेड क्वॉर्टर, स्कूलों और बाजारों में जाएगा। पर्चा वितरण, नुक्कड़ नाटक, गीत, जनसभा व जनचौपाल जैसे कार्यकमों के जरिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।"
इस मौके पर बीएमजी कार्यकर्ता मनोज कुमार, अमित कुमार, चंदन, मिंटू आदि समेत बाल पंचायत के अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं, बीएमजी के जिला समन्वयक सुरेंद्र पंडित, बीएमजी मैनेजर सुबीर रॉय एवं बीबीए के राज्य समन्वयक श्याम कुमार भी उपस्थित रहे। यह यात्रा चार दिन कोडरमा में जनजागरूकता अभियान चलाने के बाद गिरिडीह के लिए रवाना हो जाएगी। जहां जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी इससे जुड़ेंगे।
बाल मित्र ग्राम(बीएमजी),नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी का अभिनव सामाजिक प्रयोग है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि गावों में बच्चे बाल श्रम, बाल विवाह, बाल दुर्व्यापार जैसी बुराईयों पर प्रभावी रोक लगाते हुए सभी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सकें।