नैनीताल। ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला दल गुरुवार को चीन अधिकृत तिब्बत की सीमा में प्रवेश कर गया है जबकि दूसरा दल गूंजी से नाभि के लिए रवाना हुआ है। दल गुरुवार को नाभि में होम स्टे करेगा जबकि तीसरा दल देवभूमि उत्तराखंड पहुंचा गया है। इस दल की खास बात यह है कि इस दल में रिकॉर्ड 20 महिला श्रद्धालु हैं।
पहले दल में कुल 58 सदस्यों में 9 महिलाएं शामिल हैं। यह दल 12 जून को दिल्ली से रवाना हुआ था। इसी दिन उत्तराखंड में प्रवेश किया था। दल 1 सप्ताह की दुर्गम पैदल यात्रा के बाद 9वें दिन गुरुवार को चीन की सीमा में प्रवेश कर गया। पिथौरागढ़ जिला प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार यात्रा का दूसरा दल बुधवार को गूंजी पहुंचा था।
53 सदस्यों वाले इस दल में 8 महिलाएं हैं। इस दल को 2 दिन तक गूंजी में रुकना है। दल के सदस्य गुरुवार को कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के नाभि गांव के होम स्टे के लिए लिए रवाना हुए हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को ठेठ पहाड़ी व्यंजन और उत्तराखंडी संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के नोडल अधिकारी जीएस मनराल ने बताया कि यात्रा का तीसरा दल गुरुवार को दिल्ली से रवाना हुआ। दल दोपहर बाद हल्द्वानी के काठगोदाम पहुंचा और निगम की ओर से काठगोदाम स्थित पर्यटक आवास गृह में यात्रियों का भव्य स्वागत किया गया।
इस 56 सदस्यीय दल में 20 महिला श्रद्धालु शामिल हैं। यह अभी तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इस दौरान सभी महिलाओं में यात्रा को लेकर काफी उत्साह दिखाई दिया। यह दल दोपहर भोजन और अल्प विश्राम के बाद अपने पहले पड़ाव अल्मोड़ा के लिए रवाना हो गया।
मनराल ने कहा कि यह दल शुक्रवार को पहले आधार शिविर धारचूला के लिए रवाना होगा। अगले दिन यहां से दल अपने पैदल सफर के लिए रवाना होगा। (वार्ता)