रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले में गिरफ्तार पत्रकार विनोद वर्मा को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। सीबीआई के विशेष दंडाधिकारी शांतनु कुमार देशलहरे की अदालत ने वर्मा की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है।
विनोद वर्मा के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने गुरुवार को यहां बताया कि सीबीआई के विशेष दंडाधिकारी शांतनु कुमार देशलहरे की अदालत ने वर्मा की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है तथा उन्हें सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। रिजवी ने बताया कि वर्मा की तरफ से कल बुधवार को अदालत में सीआरपीसी की धारा 167(2) के तहत जमानत की अर्जी पेश की गई थी। जिस पर आज सुनवाई हुई।
अधिवक्ता ने बताया कि वर्मा को गिरफ्तार किए 60 दिन से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन अभी तक चालान पेश नहीं किया जा सका है। इसके आधार पर वर्मा को जमानत का लाभ दिया गया है। रिजवी ने बताया कि अदालत ने वर्मा को एक लाख रुपए के बंध पत्र एवं उतनी की राशि का मुचलका पेश करने पर सशर्त जमानत स्वीकृत की है।
अधिवक्ता रिजवी ने बताया कि वर्मा आज रात तक जेल से रिहा हो सकते हैं। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को 27 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक वर्मा से पांच सौ की संख्या में अश्लील सीडी, पेन ड्राइव, लैपटाप, डायरी और अन्य सामान बरामद किया गया था।
वर्मा को रायपुर के पंडरी थाने में दर्ज प्रकाश बजाज की रिपोर्ट की तहकीकात के दौरान गिरफ्तार किया गया था।बजाज ने थाने में मामला दर्ज कराया है कि एक व्यक्ति ने उसे धमकी दी है कि उसके आका की अश्लील सीडी उसके पास है तथा उसका कहा नहीं मानने पर वह इसे सार्वजनिक कर देगा।
वर्मा की गिरफ्तारी के बाद राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी सार्वजनिक हो गई। मूणत ने इस मामले में यहां के सिविल लाइंस थाने में भी वर्मा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। मूणत ने इस वीडियो को फर्जी बताया है।
राज्य सरकार ने मंत्री की कथित अश्लील सीडी मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया और बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया। मामले की जांच सीबीआई कर रही है तथा कुछ दिनों पहले सीबीआई ने वर्मा सहित अन्य लोगों से पूछताछ की थी। (भाषा)