कानपुर। आईपीएस अधिकारी सुरेंद्र दास मौत से जंग लड़ते-लड़ते हार गए और रविवार को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सुरेंद्र दास ने बुधवार को जहरीला पदार्थ खा लिया था। इसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिवारवाले और पुलिसकर्मी उन्हें उर्सला लेकर गए थे। लेकिन डॉक्टरों ने वहां पर रीजेंसी अस्पताल में रेफर कर दिया था।
16 आईपीएस अफसर अपने बैचमेट को बचाने के लिए दिन-रात जद्दोजहद कर रहे थे। इतना ही नहीं, उन्हें सुरेन्द्र दास के लिए 17 से 18 लाख की कीमत वाली एक्समो मशीन का इंतजाम भी किया था। जब एक्मो मशीन उत्तरप्रदेश, दिल्ली में कहीं नहीं मिली थी तो साथियों ने कड़ी मेहनत करके केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मदद से मुंबई से इस मशीन को मंगवाया। इसके अलावा अफसरों ने डॉक्टरों की टीम भी चार्टर प्लेन से बुलाई थी।
कानपुर के रीजेंसी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कहा है कि दुनिया के किसी भी अस्पताल में सुरेंद्र दास को भर्ती कराया जाता तो भी उनका ऐसा इलाज नहीं हो सकता था। डॉक्टरों और साथियों की कोशिश के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।