हरिद्वार। हरिद्वार स्थित शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की दोबारा से जांच शुरू हो गई है। पुलिस मुख्यालय अपराध शाखा के अनुसार नगर कोतवाली की ओर से इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर संदीपा भंडारी को जांच की फाइलें सौंप दी गई हैं। केस की जांच किस स्तर से शुरू की जाएगी, इस बाबद अभी चुप्पी ही साधी गई है। जल्द ही इस मामले में पीड़िता का पक्ष जानने और सबूतों के आधार पर नए सिरे से इस पूरे मामले की जांच करने के इरादे जाहिर किए गए हैं।
5 मई 2020 को हरिद्वार स्थित शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर झारखंड निवासी एक युवती ने दिल्ली के विवेक विहार थाने में दुष्कर्म और उनकी पत्नी शैलबाला पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जीरो एफआइआर दर्ज कराई थी। मामला हरिद्वार शांतिकुंज से जुड़ा होने की वजह से जीरो रिपोर्ट को शहर कोतवाली को 10 मई 2020 को ट्रांसफर कर दिया गया था। मुकदमे में पीड़िता ने 4 साल तक उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप प्रणव पंड्या पर लगाया था।
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कोरोना जांच घोटाले के आरोपियों की कुर्की की तैयारी : हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच के नाम पर हुए घोटाले के आरोपी शरत पंत, मल्लिका पंत पत्नी शरत पंत निवासी नोएडा और नवतेज नलवा पुत्र एसपी नलवा निवासी हिसार हरियाणा के निवास स्थान पर एसआईटी ने ढोल बजाकर मुनादी कराई है। मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज कंपनी में पार्टनर शरत पंत और उनकी पत्नी मल्लिका पंत के अलावा लैब नलवा लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड हिसार हरियाणा के डॉ. नवतेज नलवा को एसआईटी ने मुकदमे में नामजद करते हुए फर्म संचालकों से बारी-बारी पूछताछ के बाद डेल्फिया लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। आशीष के बयानों के आधार पर पंत दंपति को इस मामले में नामजद किया गया है और कोर्ट से राहत न मिलने के बाद फरार पंत दंपति और नवतेज नलवा की तलाश…
चारधाम की यात्रा को लेकर कांग्रेस का धरना : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मंगलवार को चारधाम यात्रा को शुरू किए जाने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में धरना दिया। इस धरने में में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के साथ एक स्वर में प्रदेश में रुकी हुई चारधाम यात्रा को शुरू किए जाने की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष ने धरना स्थल पर एकत्रित हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड प्रदेश की आर्थिकी की रीड है और पिछले 2 साल में कोरोना महामारी के चलते यह रीड बुरी तरह टूट चुकी है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार कुंभ मेले के आयोजन की इजाजत तो दे सकती है परन्तु जिस चारधाम यात्रा के कारण कई घरों के चूल्हे जलते है उसे शुरू नहीं कर पा रही है। गोदियाल ने कहा कि चारधाम यात्रा से न केवल धार्मिक रूप से नुकसान हो रहा है अपितु राज्य का पर्यटक उद्योग भी पूरी तरह से चौपट हो गया है। छोटे व्यवसायी, टैक्सी, मैक्सी, होटल व्यवसाय, खोखे-खोमचे, डांडी-कांडी, राशन व्यापारी, घोड़े-खच्चर, होटल धर्मशाला वाले सहित अनेक लोग जिनकी रोजी-रोटी चारधाम यात्रा से जुड़ी है। बेरोजगारी और भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली पार्टी की सरकार ने उस चारधाम यात्रा जो देश और विदेश के करोड़ों करोड़ लोगों की आस्था का केन्द्र है, की यात्रा को जान-बूझकर बाधित किया जा रहा है।
गोदियाल ने कहा कि भाजपा की सरकारों द्वारा देश भर में राजनैतिक रैलियों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें लाखों की भीड के साथ कोविड के नियमों की धज्जियां उडाई जा रही हैं। कुंभ का भव्य आयोजन कर प्रदेश को कोविड की दूसरी लहर में झोंका गया परंतु गरीब आदमी की रोजी-रोटी का जरिया चारधाम यात्रा को प्रतिबन्धित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने विवादास्पद देवस्थानम बोर्ड का गठन कर पहले ही लोगों की धार्मिक आस्था पर भारी चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने का काम करेगी।