जयपुर। प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद किए जाने से आम लोगों को होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार इसके वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है। इस तरह का एक उपाय प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान केवल व्हॉटसएप जैसी सोशल मैसेजिंग सेवाओं को पर ही रोक लगाना भी है। इस कदम पर परामर्श चल रहा है।
इस मुद्दे को लेकर हाल ही में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें राज्य के आईटी एवं संचार विभाग ने पुलिस विभाग को सुझाव दिया कि वह प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान मोबाइल इंटरनेट को पूरी तरह बंद किए जाने के बजाय व्हॉटसएप एवं अन्य मिलते जुलते एप को बंद करने के विकल्प पर सोचे।
मुख्य सचिव (आईटी) अखिल अरोड़ा ने गुरुवार को कहा कि हमने एक बैठक में पुलिस अधिकारियों को यह सुझाव दिया है और वे इस पर विचार कर रहे हैं। वे इस बारे में फैसला करेंगे और 'विशेष कंफिगरेशन' के लिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से संपर्क करेंगे। जरूरत पड़ने पर हम भी उनकी मदद करेंगे तथा इस तरह की व्यवस्था की जा सकती है और यह प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान मोबाइल इंटरनेट को पूरी तरह से बंद किए जाने से कहीं अच्छा विकल्प है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह बंद कर दिया जाता है ताकि व्हॉटसएप एवं अन्य सोशल मीडिया जैसे माध्यमों के जरिए नकल या अन्य गड़बड़ी की आशंका नहीं रहे। लेकिन इस 'नेटबंदी' के कारण आम लोगों को बड़ी परेशानी होती है।
अरोड़ा ने भी इसे स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि मोबाइल इंटरनेट पर पूरी तरह प्रतिबंध से उन लोगों को बड़ी दिक्कतें होती हैं, जो ई-गवर्नेंस, उबर, ओला व अन्य सेवाओं का इस्तेमाल मोबाइल इंटरनेट के जरिए करते हैं। चुनिंदा एप या सेवाओं से प्रतिबंध से आम लोगों को होने वाली परेशानी से बचा जा सकेगा तथा इस बारे में अंतिम फैसला अभी किया जाना है। (भाषा)